UP News: बीजेपी नेता विक्रम सिंह सैनी (Vikram Singh Saini) को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मुजफ्फरनगर दंगे (Muzaffarnagar Riot) मामले में मिली सजा के खिलाफ दायर उनकी याचिका खारिज कर दी है. विक्रम सैनी की विधानसभा सदस्यता पहले ही जा चुकी है. बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषी व्यक्ति पर बेहद गंभीर आरोप साबित हुए हैं. विधानसभा की सदस्यता की योग्यता से बचने के लिए दिया गया आधार भी उचित नहीं है. हाईकोर्ट से विक्रम सिंह सैनी की अर्जी खारिज होने के बाद खतौली सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है. 


दो साल की सजा मिली थी


मुजफ्फरनगर दंगा मामले में विक्रम सैनी को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद खतौली विधानसभा सीट से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी और 5 दिसंबर को वहां चुनाव घोषित कर दिए गए हैं. इस सीट से बीजेपी ने उनकी पत्नी राजकुमारी को उम्मीदवार बनाया है. 


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सजा पर रोक लगाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं- हाई कोर्ट


उधर, हाईकोर्ट ने विक्रम सिंह सैनी की अर्जी को खारिज करते हुए कहा, 'दोषी पर बेहद गंभीर आरोप साबित हुए हैं. ऐसे में सुनवाई पूरी किए बिना उनकी सजा पर रोक लगाया जाना ना तो लोकतंत्र के लिए ठीक है और ना ही देश हित में है. अदालत ने अपने फैसले में कहा विधानसभा की सदस्यता की योग्यता से बचने के लिए दिया गया आधार भी उचित नहीं है. ' जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने अर्जी खारिज की है. 


मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था


बता दें कि विक्रम सैनी  2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले में अपनी दोषसिद्धि को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. मंगलवार (22 नवंबर) न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सैनी के वकील और राज्य सरकार के वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पूर्व, 18 नवंबर को हाई कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत द्वारा सैनी को सुनाई गई सजा निलंबित कर दी थी और साथ ही उन्हें जमानत भी दे दी थी.