Prayagraj News: 'हिन्दू श्रृंगवेरपुर में पूजा नहीं करेंगे तो क्या काबा जाएंगे', मस्जिद विवाद पर बोले संजय निषाद
Prayagraj News: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद इससे पहले भी कह चुके हैं कि अगर निषाद राज के किले से मस्जिद नहीं हटाई गई तो उनके लोग खुद ही इस मस्जिद को हटाने का काम करेंगे.

Sanjay Nishad on Mosque Controversy: संगम नगरी प्रयागराज के तीर्थ स्थल श्रृंगवेरपुर में निषाद राज के किले में मस्जिद का विवाद अब एक बार फिर से तूल पकड़ने लगा है. इस बारे में निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर संजय निषाद ने फिर से नाराजगी जताते हुए मस्जिद को हटाए जाने की बात कही है. संजय निषाद ने निषाद राज के किले में मस्जिद निर्माण को लेकर सीधे तौर पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि अपने राज में कांग्रेस पार्टी ने ही यहां पर मस्जिद बनवाई थी. उनके मुताबिक श्रृंगवेरपुर भगवान राम के बाल सखा निषादराज की कर्मभूमि है.
निषादराज को निषाद समुदाय के करोड़ों लोग अपने आदर्श की तरह पूजते हैं. ऐसे में निषाद राज के किले में सिर्फ निषादराज और भगवान राम की पूजा अर्चना ही होनी चाहिए. दूसरे धर्मों के लोगों को वहां इबादत नहीं करनी चाहिए. वहां मस्जिद का निर्माण गलत तरीके से हुआ है. अब वक्त आ गया है, जब भगवान राम और निषाद राज के गले मिलते हुए मूर्ति के अनावरण से पहले इस मस्जिद को यहां से हटा दिया जाए. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा है कि अगर हिंदू समाज के लोग श्रृंगवेरपुर में भी बिना किसी रोक-टोक या विवाद के पूजा-अर्चना नहीं कर सकेंगे, तो क्या इसके लिए उन्हें काबा जाना पड़ेगा.
निषाद राज के किले से मस्जिद हटाने की मांग
कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद इससे पहले भी कई बार इस बारे में बयानबाजी कर चुके हैं. वह तो यहां तक कह चुके हैं कि अगर निषाद राज के किले से मस्जिद को नहीं हटाया गया तो उनके लोग खुद ही उसे हटाने का काम करेंगे.
गौरतलब है कि प्रयागराज शहर से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर श्रृंगवेरपुर में गंगा किनारे निषाद राज का किला है. श्रृंगवेरपुर में ही भगवान राम और निषादराज की मुलाकात हुई थी. यहीं से भगवान राम के वनवासी जीवन की शुरुआत हुई थी. केवट ने यहीं से भगवान राम को गंगा पार कराई थी. निषाद राज के इस किले की आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया सर्वेक्षण भी कर चुका है. संजय निषाद के बयान के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है.
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