Chandra Shekhar Azad Statue: संगम नगरी प्रयागराज में दो दिन अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद जिस जगह शहीद हुए थे और शहादत स्थल पर उनकी जो आदमकद प्रतिमा लगी हुई हैं, उस प्रतिमा से बूंद बूंद पानी टपकने की खबर आई थी. चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा से लगातार पानी टपकने पर हड़कंप मच गया था, क्योंकि मिश्रित धातु से बनी प्रतिमा में हवा या पानी जाने का कोई सोर्स नहीं था. ऐसे में कोई यह दावा कर रहा था कि आजाद की आत्मा रो रही है, तो कोई इसे चमत्कार बता रहा था. कई लोग तो पानी की टपकती हुई बूंदों को अपने सिर माथे पर लगाते हुए नजर आ रहे थे. 


मुंबई के एक्सपर्ट करेंगे मरम्मत


दो दिन पहले इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. चैनल पर खबर चलने के बाद सरकारी अमला हरकत में आ गया था. प्रशासन के निर्देश पर मुंबई की एक कंपनी ने 11 फरवरी से प्रयागराज पहुंचकर प्रतिमा की देखरेख और मरम्मत का काम शुरू कर दिया. यह कंपनी महापुरुषों की प्रतिमाओं को स्थापित करने, उनकी देखरेख-संरक्षण और मरम्मत के काम की एक्सपर्ट है. कंपनी की चार सदस्यीय टीम दोपहर को कंपनी बाग स्थित शहीद स्थल पर पहुंची. 11 फरवरी को सबसे पहले प्रतिमा स्थल के अगल-बगल लोहे के एंगल के जरिए बैरिकेडिंग का काम किया गया. कल से प्रतिमा की सफाई की जाएगी और उसके बाद उस पर नए सिरे से पालिश होगी. ऐसा इसलिए कराया जा रहा है ताकि अगर प्रतिमा में हवा या पानी जाने का कोई सोर्स हो, तो वह मरम्मत और पालिश के दौरान बंद हो जाए.


इसके बाद केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग के तहत काम करने वाली इंटेक्स कंपनी के एक्सपर्ट इस बात की जांच करने के लिए आएंगे कि प्रतिमा से आखिरकार पानी की बूंदे कैसे टपक रही है. मुंबई से आई कंपनी का काम 8 से 10 दिनों में पूरा हो सकता है. उम्मीद जताई जा रही है कि रख रखाव और मरम्मत के काम से ही पानी की बूंदों का टपकना बंद हो सकता है. बहरहाल प्रयागराज में चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा से बूंदें टपकने का रहस्य अभी बरकरार है और सच्चाई से पर्दा हटना अभी बाकी है.


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