Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) की जिस प्रतिमा से रहस्यमयी तरीके से लगातार पानी की बूंदे लगातार टपक रही हैं, उस प्रतिमा की मरम्मत और रंग रोगन का काम आज से मुंबई (Mumbai) की कंपनी ने शुरू कर दिया. कंपनी की चार सदस्यीय टीम ने पहले दिन प्रतिमा की साफ-सफाई व पॉलिश करने का काम शुरू किया, ये काम 10स से 15 दिनों में पूरा होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि मरम्मत और रंग रोगन के बाद प्रतिमा से पानी की बूंदों का टपकना बंद हो सकता है.
इस मरम्मत और पॉलिश का काम करने वाली कंपनी के सदस्य दो दिन पहले ही प्रयागराज आ गए थे। दो दिन पहले उन्होंने प्रतिमा स्थल के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर मूर्ति को पर्दे से ढकने का काम शुरू किया था, अब आज से यहां साफ-सफाई व रंग रोगन का काम शुरू हो गया है. हालांकि आजाद की प्रतिमा के जीर्णोद्धार को लेकर पैसों की कमी की समस्या सामने आ सकती है. सरकारी अमले ने कंपनी को सिर्फ साफ सफाई कर पेंट करने का काम दिया है.
चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति की मरम्मत
प्रतिमा स्थल पर दर्शन के लिए आने वाले लोगों ने पेंट के बजाय नए सिरे से पालिश किए जाने की मांग की है. लोगों का कहना है कि अगर पैसों की समस्या सामने आती है तो वह लोग आपस में चंदा इकट्ठा कर कंपनी को भुगतान करेंगे. इस प्रतिमा की मरम्मत और साफ-सफाई का काम एबीपी गंगा पर खबर दिखाए जाने के बाद शुरू हुआ है. 4 दिनों पहले हमने ये खबर प्रमुखता से दिखाई थी कि शहीद चंद्रशेखर आजाद प्रयागराज में जिस जगह शहीद हुए थे वहां लगी उनकी प्रतिमा से रहस्यमय तरीके से बूंद बूंद पानी टपक रहा है.
अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा से लगातार पानी टपकने पर हड़कंप मच गया था, क्योंकि मिश्रित धातु से बनी प्रतिमा में हवा या पानी जाने का कोई सोर्स नहीं था. ऐसे में कोई यह दावा कर रहा था कि आजाद की आत्मा रो रही है तो कोई इसे चमत्कार बता रहा था. कई लोग तो पानी की टपकती हुई बूंदों को अपने सिर माथे पर लगाते हुए नज़र आ रहे थे.
रहस्यमय तरीके से टपकता है पानी
एबीपी गंगा पर खबर दिखाए जाने के बाद सरकारी अमला हरकत में आया. प्रशासन के निर्देश पर मुंबई की एक कंपनी ने प्रयागराज पहुंचकर प्रतिमा की देखरेख व मरम्मत का काम शुरू कर दिया है. यह कंपनी महापुरुषों की प्रतिमाओं को स्थापित करने, उनकी देखरेख- संरक्षण व मरम्मत के काम की एक्सपर्ट है. कंपनी की चार सदस्यीय टीम प्रतिमा की साफ़ सफाई कर उस पर नए सिरे से पालिश करने का काम कर रही है. ताकि अगर प्रतिमा में हवा या पानी जाने का कोई सोर्स हो तो वह मरम्मत और पालिश के दौरान बंद हो जाए.
इसके बाद केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग के तहत काम करने वाली इंटेक्स कंपनी के एक्सपर्ट इस बात की जांच करने के लिए आएंगे कि प्रतिमा से आखिरकार पानी की बूंदे कैसे टपक रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि रख रखाव और मरम्मत के काम से ही पानी की बूंदों का टपकना बंद हो सकता है. बहरहाल प्रयागराज में आजाद की प्रतिमा से बूंदें टपकने का रहस्य अभी बरकरार है और सच्चाई से पर्दा हटना अभी बाकी है.
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