UP News: देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने आज (शनिवार) संगम नगरी प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट के नए मध्यस्थता केंद्र का उद्घाटन किया. मध्यस्थता केंद्र हाईकोर्ट के नजदीक स्थापित किया गया है. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने जजेज के लिए नई डिजिटल लाइब्रेरी की भी शुरुआत की. उन्होंने 'यूपी की अदालतें' नाम की पुस्तक का विमोचन किया. कार्यक्रम में विभिन्न हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और कई जजेज भी मौजूद थे. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश को बड़ी संख्या में मध्यस्थता केंद्रों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मध्यस्थता केंद्रों के जरिए कम खर्च में जल्द मामलों का निपटारा किया जा सकता है.
मध्यस्थता केंद्र का CJI ने किया उद्घाटन
दोनों पक्षों के बीच सुलह समझौता कराने में मध्यस्थता केंद्र बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अदालतों में आने से पहले मुकदमों का बोझ घटाया जा सकता है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ कहा कि अगर मध्यस्थता केंद्रों से भी मामलों का निपटारा करने में लंबा समय लगेगा तो लोग सुलह समझौता कराने से बचेंगे. ऐसी स्थिति में दोनों पक्षों के बीच विवाद कायम रहेगा और अदालतों पर मुकदमों के बोझ में भी इजाफा होगा. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने जिला अदालतों के विचाराधीन कैदियों को आसानी से जमानत देने में हिचकने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पता नहीं जिला अदालतें जमानत देने से क्यों डरती हैं. कानून के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ने का चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्वागत किया.
'अतीत की घटना को दोहराया नहीं जाए'
उन्होंने कहा कि महिलाओं का न्यायपालिका के क्षेत्र में स्थान बनाना बेहद सकारात्मक और अच्छा कदम है. उन्होंने अदालत परिसरों में महिलाओं के लिए पर्याप्त शौचालयों के नहीं होने पर चिंता जताई. उन्होंने अदालत में अलग शौचालयों के साथ सेनेटरी नैपकिन डिस्पेंसर का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि अतीत की घटनाओं को दोहराया नहीं जाए. घटना चाहे भारत की आजादी से पहले की हो या फिर इमरजेंसी की, अब कतई न दोहराया जाए.