प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में पुलिस की सरकारी जीप से फुटपाथ दुकानदारों की सब्जियां कुचलने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ के दखल के बाद सस्पेंड हुआ दबंग दारोगा सुमित आनंद एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं. सब्जियां कुचलने का लाइव वीडियो होने के बावजूद प्रयागराज के अफसरों ने तीन महीने से कम समय में भी उसे न सिर्फ बहाल कर दिया है, बल्कि उसे बेहद अहम चौकी का प्रभारी भी बना दिया. हैरत की बात यह है कि नियुक्ति गुपचुप तरीके से की गई और ट्रांसफर की कोई लिस्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई. बहरहाल, दागी दारोगा को चौकी इंचार्ज बनाए जाने की ख़बरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं तो उसे चौकी से हटाकर एक बार फिर लाइन हाजिर कर दिया गया है.


चर्चा है कि इस मामले में आईजी की नाराज़गी के बाद जिले के पुलिस अफसरों को बैकफुट पर आना पड़ा और दागी दरोगा को चौकी से हटाकर मजबूरी में लाइन हाजिर करना पड़ा. प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित ने इस बारे में सफाई पेश करते हुए कहा है कि दबंग दरोगा की पोस्टिंग एक क्लर्क की गलती से हुई है. उनके मुताबिक़ जिले में इन दिनों सब इंस्पेक्टर्स की कमी है. ऐसे में जो भी दरोगा पुलिस लाइंस से अटैच्ड हैं, उन सभी को थाने व चौकियों पर पोस्ट किये जा रहे हैं. उनके मुताबिक़ जैसे ही यह गलती पकड़ में आई, उसे तुरंत ठीक कर लिया गया.


ये था पूरा मामला


गौरतलब है कि प्रयागराज के घूरपुर थाने में पोस्ट रहे सब इन्स्पेक्टर सुमित आनंद ने चार जून को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने पर सरकारी जीप चलाते हुए फुटपाथ दुकानदारों को सब्जियों को कुचल दिया था. पुलिस जीप से सब्जियां कुचले जाने का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया था. अफसरों ने उसे लाइन हाजिर कर दिया था. बाद में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में दखल देते हुए दरोगा को सस्पेंड किये जाने और दुकानदारों को हुए नुकसान की भरपाई सुमित आनंद के वेतन से कराए जाने का आदेश दिया था.


तत्कालीन एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने उस वक्त मीडिया को दिए गए बयान में कहा था कि आरोपी दरोगा को जनपद पुलिस में रहने का अधिकार नहीं है. उसका ट्रांसफर दूसरे जिले की किसी विंग में किये जाने की सिफारिश की गई थी. इसके बावजूद सुमित आनंद को दो दिन पहले घूरपुर थाने से सटे नैनी थाने की अरैल चौकी का इंचार्ज बना दिया गया था.


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