प्रयागराज: कोरोना को हराने का सबसे कारगर हथियार वैक्सीनेशन यानी टीकाकरण है. टीके को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ चुके हैं. टीकाकरण में लोगों को कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा है, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के लोगों को इन दिनों अलग ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है. प्रयागराज में कई लोगों ने शिकायत की है कि टीकाकरण कराए बिना ही उनके नाम से वैक्सीन लगवाने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जा रहा है. 


लोग परेशान हैं
दरअसल, रजिस्ट्रेशन के बाद कई लोग टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे और उन्हें वहां किन्ही वजहों से वैक्सीन की डोज नहीं लग पाई या फिर रजिस्ट्रेशन के बाद दिए गए समय पर कोई नहीं पहुंच पाया है तो उनमें से कुछ लोगों के पास टीकाकरण कराने का मैसेज आ गया. इतना ही नहीं कई लोगों के मोबाइल फोन पर तो इसका सर्टिफिकेट भी भेज दिया गया. ऐसे में लोग परेशान हैं. लोगों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि उन्हें अब किसी दूसरी आईडी से नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कर समय हासिल करना होगा.


पोर्टल की गलती है
दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस तरह की समस्या की बात तो कबूल कर रहे हैं, लेकिन इसके समाधान को लेकर उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने इस बारे में अपनी सफाई भी पेश की है. उनका कहना है कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार की तरफ से तैयार कराए गए पोर्टल की गलती है.


जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी
प्रयागराज में वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डॉक्टर तीरथ लाल ने स्वीकार किया है कि हर रोज कई लोगों को इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग शिकायतें भी दर्ज कराते हैं, ऐसे लोगों को यही सलाह दी जाती है कि वो किसी दूसरी आईडी से नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करा लें. नया रजिस्ट्रेशन करा कर लोग अपना टीकाकरण करा सकते हैं. उनका ये भी दावा है इस बारे में राज्य सरकार के अफसरों के जरिए केंद्र सरकार तक शिकायत पहुंचा दी गई है और उम्मीद है कि जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी. 


नहीं लगी वैक्सीन 
प्रयागराज में वैक्सीन लगे बिना ही सर्टिफिकेट पाने वालों में कटघर इलाके के रहने वाले राम लालू केसरवानी और उनकी पत्नी सावित्री भी हैं. इन्होंने 6 मई को अपना रजिस्ट्रेशन कराया था और इन्हें 8 मई को मेडिकल कॉलेज सेंटर पर सबसे लास्ट के स्लॉट में बुलाया गया था. ये लोग जब वहां बेटे सनी के साथ पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि आज उन्हें वैक्सीन नहीं लग पाएगी और वो अगले दिन सुबह आकर टीकाकरण करा सकते हैं.


साजिश की आशंका
राम लालू और सावित्री जैसे ही घर पहुंचे तभी उनके मोबाइल पर उनके टीकाकरण हो जाने का मैसेज आया. दोनों जब तक किसी नतीजे पर पहुंचते, उसके कुछ देर बाद ही वैक्सीन लगने का सर्टिफिकेट भी मोबाइल पर आ गया जबकि सेंटर पर उन्हें वैक्सीन की डोज दी ही नहीं गई थी. राम लालू को इसमें किसी साजिश की आशंका नजर आती है. उन्हें आशंका है कि उनके नाम पर किसी दूसरे को वैक्सीन लगा दी गई है.


कई लोगों ने की है शिकायत 
राम लालू और सावित्री अकेले ऐसे नहीं है जिनके साथ ये हुआ है. इस तरह की शिकायतें कई दूसरे लोगों ने भी की हैं. कहा जा सकता है कि इसमें गलती स्वास्थ्य विभाग के अफसरों, कर्मचारियों की हो या फिर पोर्टल की, लेकिन इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. 


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