प्रयागराज: अयोध्या में बन रहे रामलला के भव्य मंदिर में श्रद्धालु वर्चुअल तरीके से भी गर्भगृह में माथा टेक सकेंगे. राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने शनिवार को प्रयागराज में हुए संत सम्मेलन में बताया कि गर्भगृह में एक बार में सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जा सकता है. ऐसे में लोगों को गर्भगृह में कम समय ही मिलेगा. श्रद्धालुओं के लिए थ्री डी तकनीक से इस तरह की व्यवस्था की जाएगी कि कैम्पस में कुछ खास जगहों पर वर्चुअल तरीके से माथा टेकने पर श्रद्धालुओं को सीधे गर्भगृह में मौजूद होने का एहसास होगा. उनके मुताबिक मकर संक्रांति से शुरू हो रहे धन संग्रह अभियान की शुरुआत दिल्ली में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से संपर्क कर उनसे आर्थिक सहयोग लेने के साथ की जाएगी.


सामाजिक समरसता भी बढ़ाई जाएगी
संतों के निर्देश के मुताबिक धन संग्रह अभियान के जरिए हिन्दुओं में सामाजिक समरसता भी बढ़ाई जाएगी. इसलिए संघ और वीएचपी के कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वो दलितों और वंचितों की बस्तियों और उनके घरों पर अधिक फोकस करें. चंपत राय ने इस सम्मेलन में संतों को बताया कि जो भी पैसे जमा होंगे, वो उसी दिन तीन बैंकों की 46 हजार ब्रांचों में जमा किए जा सकेंगे. जमा करते वक्त एकाउंट नंबर भरने में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए पहले से ही प्रिंटेड पर्ची का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें एकाउंट नंबर की जगह किसी लोगो या प्रतीक चिन्ह को डाला जाएगा.



मकर संक्रांति से अभियान चलाया जाएगा
संत सम्मेलन में ये तय किया गया कि सिर्फ धन संग्रह के लिए ही नहीं बल्कि मंदिर निर्माण में कम से कम आधी आबादी की सीधी भागीदारी के लिए भी मकर संक्रांति से अभियान चलाया जाएगा. अभियान के दौरान चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवार के 55 से 60 करोड़ लोगों से सहयोग लिया जाएगा, ताकि इन लोगों को ये लगे कि ये उनका अपना मंदिर है. उनके सपनों का मंदिर है. संत सम्मेलन में चंपत राय के साथ ही मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती समेत करीब 50 के करीब संत महात्मा मौजूद थे.



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