प्रयागराज में दिव्यांग बच्चों ने अनूठे अंदाज में खेली फूलों की होली, कई साल बाद चेहरे पर आई मुस्कान
Prayagraj Holi: अबीर गुलाल से सजे फाल्गुनी माहौल में सेरेब्रल पालसी की बीमारी से प्रभावित बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया.
UP News: संगम नगरी प्रयागराज होलिका दहन से पहले ही रंगों के खुमार और होली की मस्ती में डूब गई है. यहां सेरेब्रल पालसी नाम की बीमारी से ग्रसित विकलांग बच्चों और उनके परिवार वालों ने होली मिलन समारोह में जमकर अबीर-गुलाल उड़ाए. दिव्यांगों ने रंग-गुलाल उड़ाते हुए होली गीतों पर जमकर मस्ती की और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए.
इस मौके पर खास तौर पर फूलों की होली का भी आयोजन किया गया. बच्चों और उनके परिवार वालों पर कई क्विंटल फूल बरसाए गए. त्रिशला फाउंडेशन संस्था द्वारा आयोजित इस समारोह में होली के रंगो की फुहार के बीच मस्ती करते इन दिव्यांग बच्चों का उत्साह देखने लायक था. इस समारोह में बच्चों के चेहरों पर खुशी देखकर उनके अभिभावक भी झूम उठे और उन्होंने भी बच्चों के साथ मिलकर न सिर्फ मस्ती की बल्कि होली के परम्परागत गीतों पर थिरकते हुए भी नजर आए.
अबीर गुलाल से सजे फाल्गुनी माहौल में सेरेब्रल पालसी की बीमारी से प्रभावित बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया. सेरेब्रल पालसी से पीड़ित बच्चों के साथ ही उनके परिवार वालों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए. इस मौके पर बच्चों ने रंग गुलाल उड़ाने के साथ ही पिचकारी से रंग भी बरसाया.
इस मौके पर मौजूद खास मेहमानों ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने आसपास एक ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए जिससे दिव्यांग अपने को अलग-थलग महसूस न करें. प्रयागराज में होली का यह हुड़दंग यहाँ कई दिनों तक जारी रहेगा, क्योंकि यहां सड़कों पर तीन दिनों तक रंग बरसारकर अबीर- गुलाल उड़ाने की अनूठी परंपरा है.
सेरेब्रल पालसी नाम की बीमारी कुछ समय पहले तक लाइलाज मानी जाती थी, लेकिन प्रयागराज के आर्थोपेडिक सर्जन डा० जितेंद्र जैन ने भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के तमाम देशों के बीमार बच्चों को उनके पैरों पर खड़ा कर दिया है. इन बच्चों के लिए होली का यह मौका बेहद खास हो गया था.