Allahabad High Court: प्रयागराज की जिला अदालत में वादीकारी से मार-पीट करने और और न्यायिक अधिकारी से दुर्व्यवहार के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी दस वकीलों के अदालत में एंट्री पर रोक लगा दी है. 


दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला जज की रिपोर्ट पर इस मामले में बड़ा फैसला लिया है. हाईकोर्ट ने मारपीट के आरोपी दस वकीलों के अदालत परिसर में प्रवेश पर रोक लगाई है. कोर्ट ने दस वकीलों को आपराधिक अवमानना नोटिस जारी कर सफाई मांगी हैं. कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से इन वकीलों के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस की जानकारी मांगी है.


वहीं कोर्ट ने अदालत परिसर की सुरक्षा में जिला जज के आदेशानुसार सुरक्षा बल तैनात करने का भी आदेश दिया है. इससे पहले कोर्ट ने दो वकीलों रणविजय सिंह और मोहम्मद आसिफ को नोटिस जारी कर सफाई मांगी थी. कोर्ट ने उन्हें बेहतर हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है. अदालत ने इन दोनों वकीलों के जिला अदालत परिसर में प्रवेश पर पहले ही रोक लगा रखी है.


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कार्रवाई की हुई थी सिफारिश
गौरतलब है कि इस मामले में जिला जज ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कार्रवाई की सिफारिश की थी. इस सिफारिश पर कोर्ट ने अवमानना का केस दर्ज कर यह आदेश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 27 मई को होगी. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एम. ए. एच. इदरीसी की खंडपीठ ने की.


इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि ऐसे लोगों को एक स्पष्ट और बिल्कुल स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि अदालत में इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर इस तरह की घटनाएं होती हैं तो इससे सख्ती से निपटा जाएगा. अब कोर्ट ने जिला अदालत में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने के भी आदेश दिया है.