Prayagraj Doctor Mahakumbh: संगम नगरी प्रयागराज में 11 फरवरी से डायबिटीज के एक्सपर्ट डॉक्टर्स के कुंभ की शुरुआत हुई. इस अनूठे कुंभ में 600 से ज्यादा डायबिटीज के एक्सपर्ट शामिल हुए. डॉक्टर्स के इस कुंभ में पेश किए गए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोग कोविड की चपेट में आये. इस दौरान तमाम लोग डायबिटीज का भी शिकार हुए. कोरोना के साये में बीते तीन सालों में देश में डायबिटीज मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया के बैनर तले हुई इस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर चर्चा की गई कि आखिरकार कोरोना काल में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ने की सबसे बड़ी वजह क्या रही.


कोरोना काल में बढ़े डायबिटीज मरीज


विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना काल में इम्युनिटी बढाने के लिए जिस तरह से स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया गया, उसने लोगों के शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचाया. इसके अलावा लोगों ने डॉक्टर्स की सलाह के बिना जो दवाएं खाई, उसने भी लोगों की सेहत को खराब किया. कोरोना से निपटने के लिए इस्तेमाल किए गए तमाम दूसरे हथकंडों से भी लोगों को नुकसान हुआ. इसके अलावा इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोगों ने खानपान पर कतई ध्यान नहीं दिया और जरूरत से ज्यादा चीजों का इस्तेमाल किया. लॉकडाउन के पीरियड में लोगों ने फिजिकल प्रैक्टिस लगभग खत्म कर दी. इसके अलावा तमाम लोग कोरोना को लेकर इस कदर डर गए कि उन्होंने खुद डायबिटीज जैसी बीमारियों को दावत दे डाला. कोरोना काल में डायबिटीज मरीजों पर रिसर्च करने वाले लखनऊ के एक्सपर्ट डॉ अनुज महेश्वरी के मुताबिक कोरोना कॉल में डायबिटीज मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ी है.


इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में डायबिटीज के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने किया. इस मौके पर प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर एसपी सिंह भी मौजूद थे. कॉन्फ्रेंस में देश भर के डायबिटीज के 600 से ज्यादा एक्सपर्ट शामिल हुए.


क्या कहता है आंकड़ा?


इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया द्वारा किया जा रहा है. डायबिटीज की बीमारी पर रिसर्च करने वाली यह एशिया की सबसे बड़ी संस्था है. कॉन्फ्रेंस की ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ अनुभा श्रीवास्तव और इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुबोध जैन के मुताबिक इस कांफ्रेंस में कुल 70 लेक्चर हो रहे हैं. डॉ सुबोध जैन और डॉ अनुभा श्रीवास्तव के मुताबिक इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस वक्त डायबिटीज के मरीजों की संख्या साढ़े सात करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है. यह संख्या तेजी से बढ़ रही है. इनके अनुसार भारत में हर 11वां व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में आ चुका है. यह संख्या उन लोगों की है, जिन्होंने अपना चेकअप कराया है. अगर सभी लोगों की जांच की जाए तो यह तादाद कई गुना ज्यादा बढ़ सकती है.


डॉक्टर्स के मुताबिक कोरोना की महामारी को कंट्रोल तो कर लिया गया, लेकिन यह आने वाले कुछ सालों में फिलहाल खत्म नहीं होगी. ऐसे में कोरोना के खिलाफ जंग को जारी रखते हुए लोगों को डायबिटीज से कैसे बचाया जाए, इस कॉन्फ्रेंस में खासतौर पर इसी बिंदु पर चर्चा की जा रही है. 


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