Prayagraj News: दुर्गा पूजा का पर्व संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. संगम नगरी में वैसे तो दो सौ से ज्यादा जगहों पर पंडाल सजाए गए हैं, लेकिन इनमें दरभंगा कॉलोनी का पंडाल लोगों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पंडाल के बाहरी हिस्से को दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर का स्वरूप देते हुए उसे तैयार किया गया है तो बाहर से लेकर अंदरूनी हिस्से तक जो आकृतियां बनाई गई है, उसमें सिर्फ और सिर्फ आइसक्रीम की स्टिक यानी लकड़ी के छोटे चम्मचों का इस्तेमाल किया गया है.
शाम को होती है भक्तों की भारी भीड़
65 साल पुरानी दरभंगा कॉलोनी की बारवारी ने इस बार पंडाल की सजावट में आइसक्रीम की स्टिक का इस्तेमाल कर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की कोशिश की है. पंडाल की सजावट करने में आइसक्रीम की तकरीबन एक लाख स्टिक का इस्तेमाल किया गया है. बाहरी हिस्से को गोल्डन कलर में तैयार किया गया है. सूरज की रोशनी पड़ने पर पंडाल का बाहरी हिस्सा सोने की तरह दमकता हुआ नजर आता है. पंडाल में देवी मां की भव्य और आकर्षक प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां देवी मां के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. शाम के वक्त तो यहां भक्तों की इतनी भीड़ उमड़ती है कि वहां तिल रखने तक की जगह नहीं होती.
अंदर के हिस्से में हुई है चित्रकारी
इस दुर्गा पूजा पंडाल में पूरे वक्त देवी मां के जयकारे गूंजते रहते हैं. कोलकाता से आए धाकिए ढोल बजाकर श्रद्धालुओं को आकर्षित करते रहते हैं. किसी वक्त आरती होती है तो किसी वक्त अंजलि और भंडारे की रस्म अदा की जाती है. पंडाल के अंदरूनी हिस्से जहां पर तेरी मां विराजमान होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रही हैं, वहां भी आइसक्रीम की स्टिक यानी लकड़ी के चम्मच से खास सजावट की गई है. स्टिक से कहीं देवी मां की आकृति उकेरी गई है तो कहीं देश के प्रसिद्ध मंदिरों के चित्र बनाए गए हैं. अंदर के हिस्से में जो चित्रकारी हुई है, उसमें भी कलर के अलावा सिर्फ आइसक्रीम स्टिक का ही प्रयोग किया गया है.
पंडाल में दिख रहा अमृत महोत्सव
आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश इन दिनों अमृत महोत्सव मना रहा है. लिहाजा दरभंगा कॉलोनी के इस दुर्गा पूजा पंडाल में भी अमृत महोत्सव की झलक देखने को मिल रही है. पंडाल के मुख्य द्वार के बाई तरफ देश की आजादी में शहादत देने वाले क्रांतिकारियों की तस्वीर लगाई गई हैं. राष्ट्रीय ध्वज की आकृति बनाई गई है. देश की आजादी के 75 बरस पूरे होने और अमृत महोत्सव मनाए जाने के स्लोगन लिखे गए हैं. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रयागराज के दरभंगा कॉलोनी के दुर्गा पूजा पंडाल में आध्यात्मिकता और राष्ट्रीयता का अनोखा समागम भी देखने को मिल रहा है. यहां आने वाले श्रद्धालु पहले पंडाल के बाहर आजादी के अमृत महोत्सव पर लगे बलिदानियों के चित्र के सामने सिर झुका कर उन्हें नमन करते हैं तो वही पंडाल के अंदर देवी मां की प्रतिमा के सामने शीश नवाज कर उनका आशीर्वाद लेते हैं. पंडाल की भव्य और आकर्षक सजावट यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है.
ढाई महीने पहले शुरू हो गया था पंडाल बनाने की तैयारी
प्रयागराज की दरभंगा इलाके की बारवारी 65 साल पुरानी है. शहर के बीचो बीच दरभंगा इलाके में आयोजित होने वाली यह दुर्गा पूजा हर साल नई थीम और अपनी भव्यता के लिए मशहूर है. बारवारी कमेटी के अध्यक्ष देवव्रत बसु के मुताबिक थीम का निर्णय फरवरी महीने में ही ले लिया गया था. इसके साथ ही तकरीबन ढाई महीने पहले ही पंडाल को तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया था. इसके लिए तकरीबन डेढ़ दर्जन कारीगर खास तौर पर कोलकाता से बुलाए गए हैं, जबकि दो दर्जन के करीब कारीगर स्थानीय हैं. 40 से ज्यादा लोगों की टीम ने दिन-रात कड़ी मेहनत कर ढाई महीने में इस पंडाल को तैयार किया है. आइसक्रीम की स्टिक से ही आकृतियां उकेरे जाने व सजावट किए जाने का काम काफी बारीकी वाला था, इसलिए इस बार कुछ ज्यादा ही मेहनत करनी पड़ी है.
श्रद्धालुओं को दिया जाता है संदेश
कमेटी के अध्यक्ष देवव्रत बसु के मुताबिक यहां हर साल श्रद्धालुओं को कोई ना कोई संदेश भी दिया जाता है. इस बार पंडाल के मुख्य हिस्से को दक्षिण भारत के मीनाक्षी मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है तो अंदर से लेकर बाहर तक आइसक्रीम की स्टिक से सजावट की गई है. आइसक्रीम की स्टिकस से ही पंडाल के अंदर अलग-अलग मंदिरों की आकृतियां भी तैयार की गई है. यहां आने वाले श्रद्धालु पंडाल की भव्यता व आकर्षण को देखकर काफी खुश नजर आते हैं. इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन पूजन करने के लिए आ रहे हैं.