Prayagraj Flood: प्रयागराज में गंगा-यमुना मचा रहीं तबाही, खतरे के निशान के पार नदियां, टापू बने घर में रहने को मजबूर लोग
Prayagraj News: कई रिहायशी बस्तियों में पानी भरा है. जिन सड़कों पर कुछ दिनों पहले वाहन फर्राटा भरते थे, वहां अब नावें चल रही हैं. संगम के आसपास का पूरा इलाका बाढ़ के पानी में डूब गया है.
![Prayagraj Flood: प्रयागराज में गंगा-यमुना मचा रहीं तबाही, खतरे के निशान के पार नदियां, टापू बने घर में रहने को मजबूर लोग Prayagraj flood update Uttar Pradesh Ganga Yamuna rivers flood danger mark NDRF SDRF teams in relief work ANN Prayagraj Flood: प्रयागराज में गंगा-यमुना मचा रहीं तबाही, खतरे के निशान के पार नदियां, टापू बने घर में रहने को मजबूर लोग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/27/0044d2dd31871649b9e8dedda63d7cb81661564634694122_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Prayagraj Flood News: यूपी में संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj Flood) में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं और अब जबरदस्त तबाही मचाने लगी हैं. खतरे का निशान पार करने के बावजूद दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि दोनों नदियों का जलस्तर अभी 3 दिनों तक और बढ़ेगा. प्रयागराज में गंगा (Ganga river) और यमुना (Yamuna river) अब भी 3 से 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ रही हैं. दोनों नदियों ने शुक्रवार की सुबह 10 बजे के करीब ही खतरे के निशान को छू लिया था. दोनों इसके बाद से लगातार खतरे के निशान से ऊपर ही बह रही है. नदियों में आए उफान की वजह से अकेले शहरी इलाके के 3 दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है. एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें नावों से गलियों में जाकर रेस्क्यू करते हुए बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालकर उन्हें सुरक्षित जगहों तक पहुंचा रही हैं.
बाढ़ की वजह से सड़कों पर चल रहीं नावें
शहर में कई रिहायशी बस्तियों में पानी भरा हुआ है. कई रास्ते और सड़कें बाढ़ के पानी में समा गए हैं. जिन सड़कों पर कुछ दिनों पहले तक वाहन तेजी से फर्राटा भरते थे, वहां अब नावें चल रही हैं. संगम के आसपास का पूरा इलाका ही बाढ़ के पानी में डूब गया है. तमाम मठों-मंदिरों और आश्रमों में बाढ़ का पानी समाया हुआ है. गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने की कामना के साथ रोजाना प्रयागराज आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को अब सड़क पर बह रही गंगा में ही डुबकी लगाकर या आचमन करके मायूसी के बीच वापस जाना पड़ रहा है.
लगाई गईं एनडीआरएफ-एसडीआरएफ
गंगा के किनारे के दारागंज-छोटा बघाड़ा-बड़ा बघाड़ा- करेलाबाग- गौस नगर, सलोरी- गोविंदपुर- शिवकुटी- रसूलाबाद- राजापुर- गंगानगर- अशोकनगर- द्रौपदी घाट- नीवा- जेके कॉलोनी समेत 3 दर्जन से ज्यादा मोहल्ले तालाब बने हुए हैं. कई जगहों पर तो मकानों की पूरी एक मंजिल तक डूब गई है. सड़कों और गलियों में नावे चल रही हैं. बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी बुला ली गई है. एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी के साथ बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाकर रेस्क्यू करते हुए लोगों को सुरक्षित निकाल रही हैं. हालांकि शहरी इलाका होने की वजह से बाढ़ में फंसे हुए लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि रास्ता कहीं नजर नहीं आ रहा है और जगह-जगह मकानों का निर्माण हुआ है.
टापू बने घर में रहने को मजबूर लोग
बाढ़ प्रभावित तमाम लोगों ने सुरक्षित जगहों पर शरण ले ली है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अभी अपने घरों में ही फंसे हुए हैं. हज़ारों की संख्या में लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अपनी गृहस्थी का सामान चोरी होने का डर है और वह घर बार छोड़कर कहीं जाने को तैयार नहीं है. उन्होंने जरूरी सामानों को ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट कर दिया है और अब खुले आसमान के नीचे टापू बने घर में रहने को मजबूर है. अब तक करीब 3000 लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं. प्रयागराज में ग्रामीण इलाकों का हाल तो और भी बुरा है. तकरीबन 50 गांव बाढ़ की वजह से प्रभावित हैं. कई गांवों का संपर्क बाहरी दुनिया से कट गया है. बाढ़ ने जिस कदर तबाही मचाई है उसके आधार पर कहा जा सकता है कि सरकारी इंतजाम फिलहाल नाकाफी साबित हो रहे हैं.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)