प्रयागराज में गंगा और यमुना उफान पर, बारिश के बाद तेजी से बढ़ रहा नदियों का जलस्तर
UP News: प्रयागराज में गंगा-यमुना दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से चार मीटर नीचे हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद घाटों पर बैठने वाले तीर्थ पुरोहित और घाटिए अपने सामान समेटकर ऊपर की तरफ आ गए हैं.
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Prayagraj News: देश के कई हिस्सों में हो रही बारिश का असर अब संगम नगरी प्रयागराज में भी देखने को मिल रहा है. प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां एक बार फिर से उफान पर हैं. दोनों नदियों का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है, संगम नगरी में गंगा पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे और यमुना तेरह सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है. वह एक बार फिर से सुरक्षित ठिकाना खोजने लगे हैं.
हालांकि नदियों का जलस्तर बढ़ने के बावजूद अभी रिहायशी बस्तियों में बाढ़ का पानी नहीं घुसा है. नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने एक बार फिर से अलर्ट घोषित कर दिया है. बाढ़ राहत चौकियो को फिर से सक्रिय कर दिया गया है. घाट की सीढ़ियो पर लोग गंगा स्नान कर रहे हैं. संगम जाने वाले रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने की वजह से नावों के संचालक पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
खतरे के निशान से चार मीटर नीचे गंगा और यमुना
हालांकि राहत की बात यह है कि जानकारो का कहना है कि जलस्तर बढ़ने का यह सिलसिला सिर्फ दो से तीन दिन तक ही रहेगा. उसके बाद पानी फिर से कम होने लगेगा. प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से चार मीटर नीचे हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद संगम समेत दूसरे घाटों पर बैठने वाले तीर्थ पुरोहित और घाटिए अपने सामान समेटकर ऊपर की तरफ आ गए हैं.
लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर में पहुंचा पानी
शाम के वक्त संगम के नजदीक होने वाली आरती भी अब प्रतीकात्मक तौर पर सड़क पर हो रही है. बाढ़ का पानी संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर सम्यक नदियों के किनारे के कई मठों और आश्रमों में भी दाखिल हो गया है. इस साल यह दूसरी बार हुआ है जब गंगा का पानी हनुमान मंदिर में दाखिल हुआ है. लगातार जलस्तर बढ़ने के बाद हनुमान मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं.
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