Blood Smuggling: जॉर्जटाउन पुलिस (Georgetown police) ने खून की तस्करी (Blood Smuggling ) करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के सरगना समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह का सरगना झूंसी निवासी शान मोहम्मद उर्फ शानू बताया जा रहा है. पुलिस ने इनके कब्जे से 128 यूनिट खून, टीबी सप्रू अस्पताल की फर्जी रसीद, 85 ब्लड सैंपल की शीशी, विभिन्न अस्पतालों के 138 पर्चे, कार सहित कई अन्य सामान बरामद किये हैं. इस गिरोह के संपर्क में अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की बात भी सामने आई है जिसकी जांच की जा रही है.


7-10 हजार प्रति यूनिट के हिसाब से बेचते थे खून


वहीं प्रयागराज के एसपी सिटी संतोष कुमार ने संवाददाताओं को घटना की जानकारी देते हुए कहा कि जिन लोगों को पैसे की जरूरत होती थी ये उनका खून निकालते थे और उनसे सस्ते दाम में खून खरीदकर जरूरतमंदों को 7 से 10 हजार प्रति यूनिट के हिसाब से बेचते थे. सीओ सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि गिरोह का सरगना शान मोहम्मद करीब पांच साल पहले  दिनकर त्रिपाठी की लैब में काम करता था, वहीं उसने खून निकालना और सैंपल की जांच करना सीखा था.


ऐसे चलता था खून की खरीद फरोख्त का धंधा


एसपी सिटी ने बताया कि गिरोह का सदस्य अनिल मिश्रा टीबी सप्रू अस्पताल और ब्लड बैंक की फर्जी रसीद छापता था और गिरोह के अन्य सदस्य खून देने वाले मजबूर लोगों को तलाशते थे, जबकि कुछ लोग स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल और ब्लड बैंक के आस पास खून लेने वाले जरूरतमंदों की तलाश करते थे. जिन्हें ज्यादा जरूरत होती थी वे उनसे खून का प्रति यूनिट मोटा दाम बसूलते थे और उन्हें खून दे देते थे. अब तक गैंग के सदस्य करीब पांच सौ यूनिट खून बेच चुके थे.


इन लोगों की हुई गिरफ्तारी


जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनमें झूंसी निवासी शान मोहम्मद उर्फ शानू,मोहम्मद इमरान, महाराजगंज निवासी हनीफ उर्फ फिरोज, नैनी निवासी संदीप कुमार उर्फ दीप, जौनपुर निवासी दिनकर त्रिपाठी, रजनीश कुमार सरायइनायत निवासी प्रभाकर पटेल, सोरांव निवासी आशीष यादव, प्रतापगढ़ निवासी विमलेश यादव, आजमगढ़ निवासी सचिन यादव, विशाल पाठक और कीडगंज निवासी अनिल कुमार मिश्रा शामिल हैं.


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