Prayagraj News Today: महाकुंभ के पहले कुंभ नगरी प्रयागराज के घाट अपने भव्य स्वरूप में नजर आएंगे. यूपी सरकार ने बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुंभ नगरी प्रयागराज के प्राचीन घाटों का पुनरुद्धार किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयागराज आगमन के पहले यह बनकर तैयार हो जाएगा.
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की गतिविधियां गंगा और यमुना के घाट पर होती हैं. इन घाटों पर श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं. इस बार महाकुंभ को भव्य, दिव्य और नव्य रुप देने के लिए योगी सरकार ने इन घाटों का कायाकल्प किया है.
11 करोड़ में घाटों का कायाकल्प
जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन की तरफ से गंगा और यमुना नदी के इन सात घाटों को नया स्वरूप दिया जा रहा है. महाकुंभ से पहले 11.01 करोड़ की लागत से घाटों का कायाकल्प हो रहा है और 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से पहले यह काम पूरा हो जाएगा.
गंगा और यमुना नदी के जिन 7 घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल है. इन सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और कायाकल्प का काम पूरा हो चुका है. 11 दिसंबर तक फिनिशिंग का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा.
घाटों पर मिलेगी सभी सुविधाएं
श्रद्धालुओं और पर्यटकों को विश्वस्तर की सुविधा मिले इस लिहाज से घाटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इन घाटों को सुदंर और स्वच्छ बनाने के लिए हरित पट्टी को भी विकसित किया गया है. इन घाटों पर काशी की तरह छतरी, हाईमास्ट, पेयजल जैसी कई सुविधाओं की व्यवस्था की गई है.
कब है महाकुंभ?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 साल पर होने वाले महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इस बार महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 26 फरवरी तक चलेगी. प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इस बार देश विदेश से लगभग 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने उम्मीद जताई है.
ये भी पढ़ें: 'तानाशाही सरकार घोंट रही युवाओं का गला', सदन नहीं चल पाने से भड़के चंद्रशेखर आजाद