Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में पांच महीने बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए केंद्र और यूपी सरकार तमाम प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है. इसी कड़ी में संगम तट स्थित बड़े हनुमान मंदिर परिसर में आज से कॉरिडोर का निर्माण शुरू कर दिया गया है. हनुमान मंदिर का यह कॉरिडोर वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर में बनाए गए कॉरिडोर की तर्ज पर बनाया जा रहा है.
इसका भूमि पूजन और शिलान्यास आज मंदिर परिसर में पूरे विधि विधान के साथ किया गया. इस मौके पर हनुमान मंदिर के महंत बलबीर गिरि और तमाम दूसरे संत महात्माओं के साथ ही मेला प्राधिकरण के कई अफसर भी मौजूद थे. कॉरिडोर बनने के बाद बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन- पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हो जाएगी. प्रयागराज के हनुमान मंदिर कॉरिडोर को सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट भी माना जाता है.
38 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा कॉरिडोर
बड़े हनुमान मंदिर के कॉरिडोर का निर्माण दो चरण में पूरा किया जाएगा. पहले चरण का काम आज से शुरू हो गया है और यह महाकुंभ मेले से पहले पूरा हो जाएगा. पहले चरण में बाहरी हिस्से का निर्माण किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में महाकुंभ के बाद गर्भ गृह का निर्माण कराया जाएगा. पूरा कॉरिडोर 11589 वर्ग मीटर में तैयार किया जाएगा. इसमें मुख्य मंदिर 535 वर्ग मीटर में होगा. कॉरिडोर का निर्माण 38 करोड़ रुपए की लागत से कराया जाएगा.
क्यूआर के जरिए होगी एंट्री
कॉरिडोर में प्रवेश व निकास के दो बड़े द्वारा बनाए जाएंगे. इसके साथ ही दस छोटे रास्ते भी होंगे. कॉरिडोर की दीवारों पर बजरंगबली से जुड़ी हुई आकृतियों को उकेरा जाएगा. प्रसाद तैयार करने के लिए आधुनिक किचन का निर्माण होगा. श्रद्धालुओं के बैठकर पूजा अर्चना करने के लिए अलग स्थान बनाया जाएगा. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को क्लॉक रूम, आर ओ वॉटर और शौचालय की सुविधा भी मिलेगी. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर चेकिंग पॉइंट गार्ड रूम का निर्माण कराया जाएगा. सुरक्षा तीन स्तर की होगी. श्रद्धालु क्यूआर कोड के जरिए भी एंट्री पा सकेंगे.
बजरंग बली की लेटी हुई प्रतिमा यहां
प्रयागराज में संगम किनारे स्थित बड़े हनुमान मंदिर का काफी महत्व है. यह दुनिया का इकलौता ऐसा बड़ा मंदिर है, जहां बजरंग बली लेटी हुई अवस्था में भक्तों को दर्शन देते हैं. श्रद्धालु यहां बजरंग बली की लेटी हुई प्रतिमा का दर्शन कर उसकी पूजा अर्चना करते हैं. इस मंदिर को प्रयागराज का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मंदिर भी माना जाता है. यहां लेटी हुई अवस्था में विराजमान बजरंगबली को प्रयागराज का कोतवाल भी कहा जाता है. यहां रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन - पूजन के लिए आते हैं. माघ मेले और कुंभ में तो यहां श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ती है कि तिल रखने तक की जगह नहीं बचती.
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