प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक बार फिर से नाराजगी जताते हुए पांच जिलों के डीएम और पुलिस कप्तानों से जवाब-तलब कर लिया है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सबसे ज़्यादा संक्रमण वाले पांच जिलों लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गाज़ियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के डीएम और पुलिस प्रमुखों से हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
विशेष इंतजाम करने के दिए निर्देश
अदालत ने इन सभी से पूछा है कि संक्रमण की रफ़्तार को कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. कोर्ट ने यूपी सरकार से इन जिलों में स्थानीय प्रशासन के साथ विशेष इंतजाम किये जाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही इन जिलों में बाहर से आने वाले लोगों की जांच करने को भी कहा है.
कोर्ट ने मेडिकल सुविधाएं और जांच बढ़ाने को कहा
अदालत ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखकर ऐसा लग रहा है कि यहां की पुलिस ठीक से अपना काम नहीं कर रही हैं. इन पांच जिलों में मास्क पहनने के नियमों का सौ फीसदी पालन कराना ज़रूरी हो गया है. अदालत ने पांचों जिलों के अफसरों से अगली सुनवाई पर संक्रमण और ठीक होने के आंकड़े भी पेश करने को कहा है. इसके साथ ही यूपी सरकार को मेडिकल सुविधाएं और जांच बढ़ाने को कहा है. कोर्ट ने चीफ सेक्रेट्री से भी पूरे यूपी में उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है.
कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है
ये आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने कोरोना के संक्रमण से जुड़े मामलों की मानीटरिंग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सूबे के 37 जिलों में ड्रोन कैमरों के ज़रिये निगरानी कर कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है. प्रयागराज जिले में दो कैमरे चल रहे हैं, जबकि चार मरम्मत के लिए मुम्बई भेजे गए हैं. कोर्ट ने यहां के खाने-पीने की दुकानों पर सिर्फ पैक्ड फ़ूड ही नहीं बेचे जाने पर भी नाराज़गी जताते हुए कोर्ट कमिश्नर से रिपोर्ट देने को कहा है. अदालत इस मामले में 10 दिसम्बर को फिर से सुनवाई करेगी.
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