प्रयागराज, मो. मोईन। आमतौर पर दूसरों की सुरक्षा में मुस्तैद रहने वाली यूपी पुलिस इन दिनों खुद पहरे में हैं। पहरे में रहने की यह मजबूरी एक ऐसे अदृश्य दुश्मन की वजह से है, जो जरा सी चूक होते ही जान तक ले लेता है। हम बात कर रहे हैं कोरोना वायरस की जिसे महामारी घोषित किया जा चुका है। कोरोना वायरस इतना खतरनाक है कि ये जरा सी लापरवाही में जान भी ले सकता है। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने और दूसरों में भी संक्रमण को रोकने के लिए यूपी पुलिस के अधिकारी भी इन दिनों कई एहतियाती कदम उठा रहे हैं। प्रयागराज रेंज के आईजी पुलिस केपी सिंह ने भी इससे बचने के लिए खास इंतजाम किया है। दफ्तर में जिस जगह बैठकर वह फरियादियों से मुलाकात करते हैं, वहां कांच लगवा दिया है। कांच की दीवार के एक तरफ आईजी केपी सिंह बैठते हैं और दूसरी तरफ फरियादी।
फरियादियों की अर्जी या फाइल उन तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए उन्होंने कांच की दीवार में नीचे की तरफ एक इंच की जगह भी छोड़ रखी है। आईजी केपी सिंह अकेले खुद ही कांच की दीवार के पहरे में नहीं होते, बल्कि उन्हें अपने मातहतों की भी फिक्र है, इसलिए उन्होंने पीआरओ समेत उन अफसरों की मेज पर भी इसी तरह की दीवार खड़ी करा दी है। इतना ही नहीं जोन के सभी चार जिलों के सभी अफसरों को कांच की दीवार का इस्तेमाल कर खुद को कोरोना के संक्रमण से बचाने की एडवाइजरी भी जारी कर दी है।
सिर्फ इतना ही नहीं, मुलाकातियों की 10 कुर्सी को घटाकर सिर्फ चार कर दिया गया है। ये चारों कुर्सियां भी एक से डेढ़ मीटर की दूरी पर रखी गई हैं। इसके साथ मीटिंग टेबल की कुर्सियों की संख्या भी आधी कर दी गई है। जो स्टाफ उनसे मिलने आता है, वह सब भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर-दूर खड़े होते हैं। दफ्तर की सभी कुर्सियों को कुछेक घंटों में बदलकर धूप में रख दिया जाता है।
इसके साथ ही यहां सेनेटाइजेशन का खास ख्याल रखा जाता है। पूरे दफ्तर में चार बार केमिकल का छिड़काव कर पोछा लगाया जाता है। इसके साथ ही बाहर से आने वाले सभी लोगों को पहले सेनेटाइजर दिया जाता है। आईजी केपी सिंह के मुताबिक लॉकडाउन में पुलिस को दोहरी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। इस मुश्किल वक्त में लोगों की सुरक्षा के साथ ही उन्हें भोजन मुहैया कराना या दूसरी मदद करनी पड़ रही है।