Prayagraj News: प्रयागराज के मदरसे से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. यहां नकली नोट छापने का कारखाना बनाया गया था. वहीं यह मदरसा बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था. मदरसे में शिक्षा देने के लिए कोई मान्यता भी नहीं ली गई थी. इस मामले में करीब 2 साल पहले ही जांच के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी. 



मदरसे के अवैध रूप से संचालित होने की रिपोर्ट भेजे जाने के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. प्रयागराज के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी के मुताबिक जामिया हबीबिया मदरसा सरकार से कोई आर्थिक मदद भी नहीं ले रहा था.मदरसे के संचालकों ने जांच टीम को बताया था कि वहां सिर्फ धार्मिक शिक्षा दी जाती है. रजिस्ट्रेशन और मान्यता नहीं होने से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता.

 जांच के बाद मदरसे पर होगी कार्रवाई
रजिस्ट्रेशन न होने पर मदरसा की मान्यता रद्द की जा सकती थी और सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता रोकी जा सकती थी. नकली नोट छापे जाने के खुलासे के बाद इस मदरसे पर कार्रवाई अब जिला और पुलिस प्रशासन को करनी होगी. जांच में और तथ्य आने पर मदरसे को सील किया जा सकता है या फिर उस पर बुलडोजर चल सकता है. अगर पहले ही रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कर दी गई होती तो इस मदरसे में नकली नोट छापने की देश विरोधी गतिविधि संचालित नहीं हो सकती थी.

66 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे
प्रयागराज के अतरसुइया इलाके में विवादित मदरसा जामिया हबीबिया चलता है. प्रयागराज में कुल 66 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं. प्रयागराज पुलिस के सनसनीखेज खुलासे के बाद अब दूसरी एजेंसियां भी आरोपियों से पूछताछ कर सकती हैं. उनके विदेशी और आतंकी कनेक्शन की आशंका के बारे में जानकारी जुटा सकती हैं. पुलिस ने कल ही मदरसे से नकली नोट छापे जाने के मामले का खुलासा किया था. पुलिस ने मदरसे के कार्यवाहक प्रिंसिपल और तीन छात्रों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने यहां से सौ सौ रुपए के 1,300 नकली नोट और इन्हें छापने के उपकरण बरामद किए थे.


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