Prayagraj Magh Mela 2022: माघ मेले को विघ्न से बचाने के लिए अफसरों ने संतों संग किया गंगा पूजन
Magh Mela 2022: माघ मेला 15 जनवरी मकर संक्रांति से लेकर एक मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व तक चलेगा. मेले में इस बार भी छह प्रमुख स्नान पर्व होंगे.
Prayagraj Magh Mela 2022: धर्म की नगरी प्रयागराज में संगम की रेती पर मकर संक्रांति से शुरू होने वाले माघ मेले के सकुशल संपन्न होने के लिए आज गंगा पूजन किया गया. गंगा पूजन के इस कार्यक्रम में तमाम साधू-संत और तीर्थ पुरोहितों के साथ ही कमिश्नर संजय गोयल, डीएम संजय खत्री, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और मेलाधिकारी शेषमणि पांडेय भी शामिल हुए. संत महात्माओं ने इस मौके पर दुग्धाभिषेक कर मां गंगा की आरती की और माघ मेले के सकुशल संपन्न होने की कामना की. कमिश्नर संजय गोयल के मुताबिक इस बार भी पिछले साल की तरह ही मेले की तैयारियां की जा रही हैं. 640 हेक्टेयर में बसने वाला माघ मेला इस बार पांच सेक्टरों में होगा. मेले में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके साथ ही साथ सीसीटीवी कैमरे से भी पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखी जाएगी. इस बार के मेले का आयोजन भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही किया जाएगा.
कमिश्नर संजय गोयल के मुताबिक मेले के लिए जमीन आवंटन 22 दिसंबर से शुरू होगा. योगी सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद मेले की तैयारियां भी ज़ोर शोर से शुरू कर दी गई हैं. सबसे पहले संत महात्माओं को ज़मीन दी जाएगी और उसके बाद संस्थाओं को. अफ़सरों ने दावा किया है कि इस बार गंगा और यमुना नदियों में पानी छोड़े जाने से तैयारियों में विलंब जरूर हुआ है लेकिन सभी तैयारियां तय समय में पूरी कर ली जाएंगी. वहीं कोविड के संक्रमण के मद्देनजर हर सेक्टर में कोविड जांच की व्यवस्था रहेगी. इसके साथ ही वैक्सीनेशन सेंटर भी बनाया जाएगा. लेकिन मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और साधु-संतों से अपेक्षा की गई है कि वह कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लेकर जरूर आएं.
एक मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व के साथ मेले का समापन होगा
माघ मेले में हर साल की तरह स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग, गोताखोर और एसडीआरएफ की जवानों की तैनाती रहेगी. गौरतलब है कि माघ मेला 15 जनवरी मकर संक्रांति से लेकर एक मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व तक चलेगा. मेले में इस बार भी छह प्रमुख स्नान पर्व होंगे. इनमे 15 जनवरी को मकर संक्रांति, 17 जनवरी को पौष पूर्णिमा, एक फरवरी को मौनी अमावस्या, छह फरवरी को बसंत पंचमी, 16 फरवरी को माघी पूर्णिमा और एक मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व के साथ ही मेले का समापन होगा.
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