Magh Mela 2024: प्रयागराज में माघ मेला शुरू, 20 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
Magh Mela 2024: 15 जनवरी से माघ मेले की शुरूआत हो गई है.पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने पाप नाशनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. मकर संक्रांति पर 20 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.
Magh Mela 2024: संगम नगरी प्रयागराज में सोमवार से माघ मेले की शुरूआत हो गई है. पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. कड़ाके की ठंड के बीच श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में संगम डुबकी लगा रहे हैं. पहले स्नान पर लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचे का अनुमान हैं. माघ मेला 2024 के पहले स्नान पर्व के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं.
माघ मेला 2025 के महाकुंभ का रिहर्सल माना जा रहा है. 768 हेक्टेयर में 6 सेक्टर में माघ मेला बसाया गया है. माघ मेले में पहली बार 6 पांटून ब्रिज बनाए गए हैं. पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग हो रहा है. माघ को पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री घोषित किया गया है. 100 किलोमीटर चकर्ड प्लेटें बिछाकर सड़कें बनाई गई हैं. माघ मेले में अलाव और रैन बसेरों की व्यवस्था की गई. 2000 श्रद्धालुओं के लिए रैन बसेरे का इंतजाम किया गया है. मकर संक्रांति पर 20 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. सुरक्षा के लिए भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं.
प्रशासन ने किये ये इंतजाम
इसके अलावा डीप वाटर बरैरकेर्डिंग 3.5 km लगभग, रीवर लाइन 02 km, खोया-पाया केन्ट्र 07, चेकर्ड प्लेट मार्ग - 85 Km, सब स्टेशन का निर्माण - 21, एलईडी स्ट्रीट लाइट-18000, अस्पताल - 2 अदद, 20 बेड, प्राथमिक उपचार केन्द - 10, बीएलएस एम्बुलेन्स 28, एएलएस एम्बुलेन्स 2, जन शौचालय- 1800, संस्थागत शौचालय - 12000, मूत्रालय - 1815,लाइनर बैग्स 5,00,000 इसके साथ ही जोन 03, सर्किल 08, थाना 14, चौकी 41, फायर स्टेशन 14, फायर वाच टॉवर 14, सेन्ट्रल कन्ट्रोल टॉवर 01 बनाए गए हैं.
सीएम योगी ने की तैयारियों की समीक्षा
माघ मेला की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसे महाकुंभ के पूर्वाभ्यास के तौर पर लें. 2019 के दिव्य और भव्य कुंभ को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया है. 2025 के महाकुंभ से दुनिया भर की अपेक्षाएं जुड़ी हुई हैं. संसार के समक्ष अपने को भारत के नए प्रतीक चिह्न के रूप में प्रस्तुत करने का यह एक स्वर्णिम अवसर है. आगामी कुंभ में दुनिया भारत की सांस्कृतिक वैभव देखगी.
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