Prayagraj Magh Mela: प्रयागराज में माघ मेले का आज सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या है, जिसमें ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम की त्रिवेणी में स्नान शुरू हो गया है. बता दें कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि संगम में मौनी अमावस्या पर स्नान और दान से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस पर्व पर 40-50 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है. वहीं मौनी अमावस्या को लेकर मेला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है. जानकारी के अनुसार सोमवार को ही देर शाम तक 50 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई थी.


ऐसी हैं तैयारियां


इस पर्व पर मेले के पांचों सेक्टरों में हर सेक्टर में चार एसडीएम को बतौर मजिस्ट्रेट तैनात किया गया है. उनके ऊपर एक एडीएम स्तर का अधिकारी लगाया गया है, रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस अड्डे पर भी एसडीएम स्तर के अधिकारी तैनात किए गए हैं. मेले में पहले से बनाए गए 16 एंट्री गेट को बढ़ाकर 21 गेट कर दिया गया है, वहीं कोविड के मद्देनजर हर एंट्री गेटों पर दस-दस सदस्यीय स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की गई हैं. यह टीम बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग कर रही है, साथ ही मास्क न पहनने पर उन्हें हिदायत देने के साथ ही मास्क भी दिए जा रहे हैं. संगम क्षेत्र में कई जगहों पर कोविड हेल्प डेस्क भी बनाई गई है और आई ट्रिपल सी में बनाए गए नियंत्रण कक्ष के पब्लिक एड्रेस सिस्टम से भी कोविड के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है.


6 किलोमीटर लंबा घाट किया गया है तैयार


मौनी अमावस्या के स्नान पर्व को लेकर 6 किलोमीटर लंबा घाट तैयार है, घाटों पर महिला श्रद्धालुओं के लिए चेजिंग रूम बनाए गए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से दो सौ सीसीटीवी कैमरे भी मेला क्षेत्र में लगाए गए हैं, साथ ही पांच ड्रोन कैमरे से भी मेले पर नजर रखी जा रही है. घाटों पर चार कंपनी जल पुलिस और एसडीआरएफ को तैनात किया गया है. बता दें कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई है.


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