महाकुंभ खत्म लेकिन श्रद्धा नहीं! संगम में अब भी उमड़ रही लाखों श्रद्धालुओं की भीड़
Prayagraj Sangam Snan: प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम पर आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ समापन के बाद भी यहां पर श्रद्धालुओं का पहुंचने का सिलसिला जारी है.

Prayagraj News Today: प्रयागराज महाकुंभ का 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर औपचारिक तौर पर समापन हो चुका है, लेकिन महाकुंभ क्षेत्र में संगम की रेती पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. महाकुंभ के समापन के बाद भी रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं.
इनमें से ज्यादातर वह श्रद्धालु है, जो भीड़ की वजह से मेले के दौरान नहीं आ सके थे. ऐसे श्रद्धालु अब संगम पर पहुंचकर त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और पूजा अर्चना कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक, महाकुंभ के समापन के बाद भी रोजाना बारह से पंद्रह लाख श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं.
आस्था के मेले के औपचारिक समापन के बाद श्रद्धालुओं के वाहन अब न सिर्फ महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं, बल्कि संगम घाट तक जा रहे हैं. श्रद्धालु जिस घाट पर स्नान कर रहे हैं, उसके ठीक नजदीक उनके वाहन पार्क किए जा रहे हैं. इससे श्रद्धालुओं को खासी सहूलियत मिल रही है.
श्रद्धालु दोबारा पहुंच रहे संगम
महाकुंभ के समापन के बाद संगम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि मेले के दौरान भारी भीड़ और ट्रैफिक की पाबंदी होने की वजह से वह यहां नहीं आ सके थे, ऐसे में वह अब यहां पहुंच रहे हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे भी लोग हैं जो महाकुंभ के दौरान यहां आए थे, लेकिन अब पाबंदियां हटने के बाद दोबारा डुबकी लगाने के लिए आ रहे हैं.
श्रद्धालुओं का कहना है कि महाकुंभ का औपचारिक समापन भले हो गया हो लेकिन त्रिवेणी की धारा वही है. और संगम भी वही है, कोई बदलाव नहीं हुआ है. ऐसे में वह एक बार और डुबकी लगाकर पुण्य कमाने का मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं.
महाकुंभ की तरह सेवा बरकरार
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर तीन और चार की सभी सुविधाओं को पहले की तरह ही बरकरार रखा है. इसके अलावा अरेल साइड और अखाड़ा क्षेत्र की तरफ घाटों की सुविधाओं को भी पहले की तरह ही बरकरार रखा गया है.
सभी सुविधाएं उपलब्ध होने से श्रद्धालु सुगमता के साथ आसानी से स्नान कर पा रहे हैं. संगम के घाटों पर अब पहले जैसी भीड़ तो नहीं है, लेकिन अब भी यहां चौबीसों घंटे रौनक रहती है. अफसरों को उम्मीद है कि रोजाना लाखों की संख्या में संगम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इसी तरह से होली तक जारी रहेगी.
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