Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में एक ऐसा बैंक संचालित हो रहा है जहां रूपए पैसे या ज्वेलरी नहीं, बल्कि भगवान राम का नाम जमा होता है. यह बैंक भी तमाम दूसरे बैंकों की तरह ही संचालित होता है. खाता धारकों को पासबुक दी जाती है. हर खाता धारक का अलग अकाउंट नंबर होता है. उसके एक-एक डिपॉजिट का रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज होता है. आप राम नाम को बैंक में बैठकर ही लिख सकते हैं. पासबुक को घर ले जाकर भर सकते हैं या फिर डिजिटल फॉर्मेट में सीधे डिपॉजिट कर सकते हैं.


हालांकि इस बैंक में निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. जो कुछ एक बार जमा हो गया, उसका ब्याज समेत भुगतान बैंक नहीं बल्कि भगवान राम खुद करते हैं. यहां राम नाम जमा करने वालों पर जब ईश्वर की कृपा बरसती है तो जीवन न सिर्फ सुखमय और खुशहाल  होता है, बल्कि धन्य भी हो जाता है. इस राम नाम बैंक में अब तक साढ़े सात करोड़ राम नाम डिपॉजिट हो चुके हैं.


राम-नाम बैंक का संचालन बीते 50 सालों से हो रहा है
यह राम नाम बैंक महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर 6 में ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय और गुंजन वार्ष्णेय द्वारा संचालित किया जा रहा है. इनका परिवार इस बैंक का संचालन पिछले पचास सालों से कर रहा है. इस राम नाम बैंक में रूपए पैसे और ज्वेलरी के बजाय भगवान राम के नाम लिखी हुई पर्चियां जमा की जाती हैं. कोई पर्चे पर सौ - दो सौ, पांच सौ या हजार बार भगवान राम का नाम लिखकर लाता है तो कोई यहां से पासबुक लेकर उसे महाकुंभ क्षेत्र में भरकर ही उसे जमा कर देता है. इस अनूठे बैंक से खाता धारकों को जो पासबुक दी जाती है, उसके हर पन्ने पर 108 बार राम नाम लिखना होता है. बैंक में खाता खोलने वालों को एक परमानेंट अकाउंट नंबर दिया जाता है. इसके बाद व्यक्ति जितने भी राम नाम लिखता और उसे डिपॉजिट करता है, उसका रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज कर लिया जाता है. 


डिजिटल दौर में लोग ई राम भी जमा कर रहे हैं. इस बैंक में हमेशा कुछ ना कुछ खाता धारक मौजूद रहकर राम नाम लिखते नजर आते हैं. पासबुक पर राम नाम लिखते वक्त तमाम लोग भगवान राम पर आधारित भजन व दूसरे गीत भी गुनगुनाते रहते हैं. वार्ष्णेय परिवार द्वारा पिछले 50 सालों से संचालित इस राम नाम बैंक में कई बहुत पुराने खाताधारक भी हैं. इनमें से एक सबसे पुरानी महिला खाताधारक से बातचीत की गई तो उनकी आंख से आंसू छलकने लगे. उनके मुताबिक राम नाम लिखने से उन्हें जो शांति और सुकून मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.




राम नाम लोन देने की भी तैयारी की जा रही है
इस अनूठे राम नाम बैंक के संचालक आशुतोष वार्ष्णेय के मुताबिक आने वाले दिनों में यहां राम नाम लोन यानी कर्ज के तौर पर दिए जाने की भी तैयारी की जा रही है. बैंक का प्रभार संभालने वाली गुंजन वार्ष्णेय का कहना है कि यहां राम नाम का डिपॉजिट करने वालों पर प्रभु राम की ऐसी कृपा बरसती है कि उसका जीवन आनंद और उल्लास से भर जाता है और उसे किसी तरह की कोई कमी नहीं होती.


प्रयागराज महाकुंभ में संचालित हो रहा यह अनूठा राम नाम बैंक लोगों के बीच चर्चा का सबब बना हुआ है. पिछले कुछ सालों में यहां पर अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण को लेकर यज्ञ हवन और प्रार्थनाए की जा रही थी. इस बार मंदिर निर्माण की पहली वर्षगांठ पड़ रही है, लिहाजा इस मौके पर यहां भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 


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