Prayagraj News: प्रयागराज में कुछ महीनों बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ को लेकर मेला प्राधिकरण के अफसरों के साथ आज अखाड़ों के प्रमुख संतों की बेहद अहम बैठक होगी. यह बैठक सुबह 11 बजे से कमिश्नर ऑफिस में होगी. अखाड़ा परिषद इन दिनों दो गुटों में बंटा हुआ है, लिहाजा प्रशासन ने सभी तेरह अखाड़ों से दो-दो प्रतिनिधियों को बुलाया है. इस बैठक में महाकुंभ में संत महात्माओं और श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने और मेले के सफल आयोजन की रणनीति पर चर्चा होगी. 


मेले की व्यवस्था से जुड़े अफसरान और संत महात्मा इस दिव्य और भव्य बनाने को लेकर रणनीति तय करेंगे. आस्था के इस सबसे बड़े मेले में इस बार 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है, लिहाजा यहां हाथरस की तरह कोई हादसा ना हो, इसे लेकर खास फोकस किया जाएगा. 


बैठक में कथित संतो के मुद्दे पर भी होगी चर्चा
आज की बैठक में हाथरस की घटना के बाद भोले बाबा जैसे कथित संतो के मुद्दे पर भी चर्चा होगी. इस बैठक में मेला प्राधिकरण को अखाड़ों की तरफ से फर्जी बाबाओं की सूची भी दी जा सकती है. अखाड़ों के संतों की तरफ से मेला प्रशासन से पुरजोर तरीके से यह मांग की जाएगी कि भोले बाबा जैसे खुद को भगवान का अवतार बताने वाले या चमत्कार दिखाने वाले फर्जी भगवाधारियों को मेले में संत की तरह मान्यता न दी जाए. मेले में उन्हें जमीन व दूसरी सुविधाएं न दी जाए. बैठक में मेले की व्यवस्था से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर भी बेहद महत्वपूर्ण चर्चा होनी है.


फर्जी बाबाओं को लेकर होगा बड़ा फैसला
उम्मीद जताई जा रही है कि प्रशासन के साथ मैराथन बैठक के बाद अखाड़ों के संत महात्मा आपस में बैठक कर फर्जी बाबाओं को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. उम्मीद यह भी है कि हाथरस कांड के बाद सुर्खियों में आए नारायण साकार हरि और भोले बाबा समेत कुछ अन्य विवादित लोगों को फर्जी संत घोषित किया जा सकता है और लोगों से ऐसे लोगों से सावधान रहने के लिए अपील की जा सकती है. आज की बैठक में अखाड़ा परिषद के दोनों गुटों के अध्यक्ष और महामंत्री भी अपने अपने अखाड़े के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद रहेंगे.


40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
 इस बैठक में महाकुंभ में संत महात्माओं और श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने और मेले के सफल आयोजन की रणनीति पर चर्चा होगी. मेले की व्यवस्था से जुड़े अफसरान और संत महात्मा इस दिव्य और भव्य बनाने को लेकर रणनीति तय करेंगे. आस्था के इस सबसे बड़े मेले में इस बार 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है, लिहाजा यहां हाथरस की तरह कोई हादसा ना हो, इसे लेकर खास फोकस किया जाएगा.


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