Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में सोमवार को सन्यासियों के आनंद अखाड़े की पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभायात्रा निकाली गई. यह शोभा यात्रा शहर के अल्लापुर इलाके से शुरू होकर कई रास्तों से होती हुई महाकुंभ क्षेत्र में दाखिल हुई. शोभा यात्रा में वैसे तो हजारों की संख्या में संत महात्मा शामिल थे, लेकिन खास आकर्षण का केंद्र नागा सन्यासी थे.
कुछ नागा सन्यासी हाथी, ऊंट और घोड़े पर सवार थे तो बाकी शरीर पर भभूत धारण कर अस्त्र-शस्त्र लहराते हुए पैदल ही आगे बढ़ते जा रहे थे. नागा संन्यासी लगातार भगवान शिव का घोष करते हुए आगे बढ़ रहे थे. यह शोभायात्रा अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद जी महाराज की अगुवाई में निकाली गई. पीठाधीश्वर बालकानंद जी महाराज एक बड़े से रथ पर रखे चांदी के सिंहासन पर विराजमान थे.
लोगों का उमड़ा हुजूम
इस दौरान दर्जनों बैंड पार्टियां इस शोभा यात्रा में आध्यात्मिक धुन पेश कर रही थी. पेशवाई में धर्म और आध्यात्म के साथ ही कला और संस्कृति के भी तमाम रंग देखने को मिल रहे थे. पेशवाई में शामिल संत महात्माओं पर रास्ते भर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत व अभिनंदन किया गया. संत महात्माओं का दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेने के लिए प्रयागराज की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था.
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शाही रथों पर सवार संत महात्मा लगातार हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे. आनंद अखाड़े की पेशवाई के साथ ही प्रयागराज महाकुंभ में शैव संप्रदाय के सातों अखाड़ों का छावनी प्रवेश पूरा हो गया है. बुधवार यानी आठ जनवरी को तीनों अणी अखाड़ों दिगंबर, निर्मोही और निर्वाणी का छावनी प्रवेश होगा. प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है.
महाकुंभ के लिए प्रयागराज में तैयारियां अपने अंतिम दौरे में हैं. यहां 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होगा. इस दौरान छह शाही स्नान होंगे. इस बार महाकुंभ में करीब 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है.