Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में बड़ी संख्या में लोग सनातन धर्म की दीक्षा लेंगे. ऐसे लोगों में यहूदी धर्म से ताल्लुक रखने वाली चर्चित देश इजराइल की ट्रांसजेंडर ईशा बेंजामिन भी शामिल है. ईशा बेंजामिन संगम की रेती को नमन कर न सिर्फ सनातन धर्म में अपनी आस्था जताएंगी, बल्कि किन्नर अखाड़े में शामिल होकर महंत भी बनेंगी. महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा उनकी चादरपोशी और पट्टाभिषेक करेगा और यही उन्हें नया नाम भी दिया जाएगा.
ईशा बेंजामिन मूल रूप से इजरायल की रहने वाली हैं. उनका जन्म एक यहूदी परिवार में हुआ था. हालांकि उनका पूरा परिवार बाद में मुंबई शिफ्ट हो गया था. उनके पिता इमैनुअल बेंजामिन बॉलीवुड के चर्चित कोरियोग्राफर थे. उनके पिता को फिल्मी दुनिया में बाबा हरमन के नाम से जाना जाता था. ईशा मुंबई में रहकर ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर लॉजिस्टिक ऑफिसर काम करती हैं. कोरोना काल के लॉकडाउन के दौरान उन्होंने किताबों और इंटरनेट के जरिए सनातन धर्म के बारे में जानकारी पाई और उससे खासी प्रभावित हुई.
सनातन धर्म अपनाया
सनातन के बारे में जानने और समझने के बाद उनकी दिलचस्पी और बढ़ती गई. करीब दो साल पहले वह किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में आईं. सनातन धर्म को और नजदीक से जाना. तमाम कार्यक्रमों में शामिल हुईं. इसके बाद उन्होंने अब सनातन धर्म अपनाने का फैसला किया है. महाकुंभ में वह न सिर्फ सनातन की दीक्षा लेंगी, बल्कि किन्नर अखाड़े में शामिल होकर महंत भी बनेंगी. ईशा बेंजामिन का कहना है कि वह सनातन धर्म से इतना प्रभावित है कि अपना बाकी जीवन इसके प्रचार प्रसार में लगाना चाहती हैं.
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ईशा बेंजामिन अपने मूल देश इजराइल के हालात को लेकर खासी चिंतित हैं. उनका मानना है कि इजरायल को निशाना बनाया जा रहा है. ईशा के मुताबिक इजरायल हमेशा से शांति का समर्थक रहा है. वह इजराइल पर भारत के रुख से पूरी तरह सहमत और खुश हैं. ईशा बेंजामिन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वह अपनी नौकरी छोड़कर दुनिया भर में सनातन के प्रचार प्रसार का काम करने को तैयार हैं. ईशा को सनातन की दीक्षा देने जा रही किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि महाकुंभ में उनके अखाड़े से जुड़कर बड़ी संख्या में दूसरे धर्म के लोग सनातन की दीक्षा लेंगे.