UP News: देश की पहली किन्नर कथा वाचक हिमांगी सखी के ऐलान पर किन्नर अखाड़े ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर और प्रदेश अध्यक्ष साध्वी कौशल्यानंद गिरि उर्फ टीना मां ने कहा है कि जब सभी का मकसद एक है तो साथ मिलकर काम करना चाहिए. अलग-अलग रहने से उद्देश्य प्रभावित होगा. बता दें कि पांच भाषाओं में भागवत कथा सुनाने वाली हिमांगी सखी ने प्रयागराज महाकुंभ में अलग अखाड़ा बनाने का ऐलान किया है.
महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि का कहना है कि किन्नर अखाड़ा 2016 से काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि अखाड़ा परिषद ने किन्नर अखाड़े को मान्यता दी हुई है. किन्नर अखाड़ा सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े जूना से संबद्ध भी है. किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि ने कहा कि हिमांगी सखी सनातन धर्मियों को एकजुट करने और हिंदुत्व की विचारधारा के प्रचार प्रसार करने का का दावा कर रही हैं. ऐसे में जब सभी का मकसद एक है तो साथ मिलकर काम करना चाहिए.
किन्नर अखाड़े की सधी हुई प्रतिक्रिया
अलग-अलग रहने से उद्देश्य प्रभावित होगा. उन्होंने हिमांगी सखी को किन्नर अखाड़े से जुड़कर काम करने का ऑफर दिया. हिमांगी सखी को किन्नर अखाड़े में पद दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि किन्नर अखाड़ा इस बारे में पहल करते हुए जल्द हिमांगी सखी से संपर्क कर मिलकर काम करने की कोशिश करेगा. उनका कहना है कि अगर मकसद एक है तो अलग अखाड़ा बनाने की बजाय साथ मिलकर काम करना चाहिए. महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटोगे तो कटोगे वाले बयान का हवाला दिया.
कथा वाचक हिमांगी सखी का ऐलान
गौरतलब है कि किन्नर कथा वाचक हिमांगी सखी ने प्रयागराज महाकुंभ में वैष्णव किन्नर अखाड़ा नाम से अलग अखाड़ा बनाने का ऐलान किया है. ऐलान के बाद अलग-अलग अखाड़ों से जुड़े संत महात्माओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. संतों ने नया अखाड़ा बनाए जाने को गैर जरूरी बताया है. उन्होंने कहा नया अखाड़ा से सनातन धर्म की एकता का संदेश कमजोर होगा. वहीं, हिमांगी सखी की दलील है कि अलग-अलग रहकर ज्यादा बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है.
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