Kumbh 2025 Prayagraj: संगम नगरी प्रयागराज में कुछ महीनो बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले को लेकर यूपी की योगी सरकार खास तैयारियां कर रही है. एक तरफ जहां महाकुंभ को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप में आयोजित किए जाने की तैयारी है, वहीं दूसरी तरफ दुनिया के इस सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर भी तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. 


कुंभ की सुरक्षा के लिए आसमान से लेकर गंगा और यमुना के गहरे जल के अंदर तक निगरानी की जाएगी. यह पहला मौका होगा जब अंडर वाटर ड्रोन और सोनार रेडियो तरंगों के साथ अनाकोंडा बोट और वाटर स्कूटर ब्रिगेड का भी इस्तेमाल होगा. अंडर वाटर सेफ्टी उपकरणों की खरीद के लिए बजट को मंजूरी दे दी गई है. 


अंडर वाटर सेफ्टी के इंतजाम
नदियों के गहरे जल के अंदर सुरक्षा निगरानी और राहत व बचाव की बड़ी जिम्मेदारी पीएसी के जवानों के जिम्मे होगी. यूपी के पूर्वी जोन के पीएसी के डीआईजी डा० राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक इस बार के महाकुंभ में अंडरवाटर सेफ्टी के लिए पहली बार कई कदम उठाए जा रहे हैं. यह पहला मौका होगा जब अंडर वाटर ड्रोन के जरिए और यमुना के गहरे पानी में भी निगरानी कराई जाएगी. 


जल में कोई संदिग्ध गतिविधि होने या फिर दुर्घटना होने पर अंडर वाटर ड्रोन खासा मददगार साबित होगा. इसके साथ ही कोई हादसा होने पर व्यक्ति और सामान के पानी के अंदर सही स्थिति का पता लगाने के लिए सोनार रेडियो तरंगों का भी इस्तेमाल किया जाएगा. एनाकोंडा बोट भी चलाई जाएगी.


वाटर स्कूटर ब्रिगेड भी रहेगी तैनात
डा० राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक नदियों के गहरे पानी में कोई भी इमरजेंसी पड़ने पर क्विक रिएक्शन के लिए वाटर स्कूटर ब्रिगेड भी मौजूद रहेगी. यह स्कूटर पानी में फर्राटा भरेगी और कुछ ही वक्त में जरूरत की जगह पहुंच जाएगी. महाकुंभ में फिलहाल पचीस वाटर स्कूटर चलाए जाने की योजना है. ज्यादा संख्या होने की वजह से उनके ड्राइवर्स को ब्रिगेड का नाम दिया गया है. 


इस बार के महाकुंभ में इसके अलावा दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन भी बनाए जाएंगे. इन्हें संगम और वीआईपी घाट पर बनाया जाएगा. तैरती जेटी पर प्राथमिक उपचार के साथ दुर्घटना की स्थिति में निपटने के लिए सभी आवश्यक उपकरण भी होंगे. अलग से नावें और अनाकोंडा बोट भी पीएसी को उपलब्ध कराई जाएंगी. इन सभी उपकरणों की खरीद के लिए एक अक्टूबर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.


इस बारे में कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि आस्था के मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. मेला में घाटों की संख्या का विस्तार होने की वजह अब नदियों में आठ किलोमीटर लंबी डीप वाटर बैरिकेटिंग बनाई जाएगी. सुरक्षा को लेकर हाईटेक इंतजाम किए जाएंगे. यह पहला मौका होगा जब ए आई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किया जाएगा.


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