प्रयागराज: कोरोना की दूसरी सुनामी में अब जेल में बंद कैदी भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं. महामारी की दूसरी लहर ने प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद तकरीबन सवा सौ कैदियों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. बड़ी संख्या में कैदियों के साथ ही इस जेल के जेलर, दो डिप्टी जेलर और एक दर्जन से ज्यादा वार्डर की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. बड़ी तादात में कर्मचारियों और कैदियों के संक्रमित होने से हड़कंप मचा हुआ है. इतना ही नहीं डीआईजी जेल समेत कई अफसरों और कर्मचारियों के परिवार के सदस्य भी संक्रमित पाए गए हैं. 


जेल में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है
राहत की बात सिर्फ इतनी है कि बड़ी संख्या में संक्रमित होने के बावजूद नैनी सेंट्रल जेल से जुड़े किसी भी शख्स ने अभी तक कोरोना के सामने घुटने टेककर जिंदगी की जंग नहीं हारी है. कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए यहां की जेल में कई खास इंतजाम किए गए हैं. जेल में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है तो साथ ही में कैदियों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनेटाइजर और साबुन भी मुहैया कराया जा रहा है. कैदियों का वैक्सीनेशन कराया जा रहा है, इसके अलावा खानपान में बदलाव करके भी उन्हें संक्रमण से बचाने की कवायद की जा रही है. 


डॉक्टरों की तैनाती की गई है
प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद 114 पुरुष और 9 महिला कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जिन्हें तत्काल आइसोलेट कर जेल में ही बनाए गए 120 की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर में उनका इलाज किया जा रहा है. जेल में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं. कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए कोविड केयर सेंटर में हेल्थ वर्करों के साथ ही डॉक्टरों की तैनाती की गई है. इसके साथ ही ऑक्सीजन का भी इंतजाम किया गया है. कोरोना संक्रमित कैदियों के खानपान में भी बड़ा बदलाव करते हुए उन्हें भोजन में हाई प्रोटीन के साथ काढ़ा भी दिया जा रहा है.   


संक्रमण का खतरा बढ़ गया है
जेल के डीआईजी इंचार्ज पीएन पाण्डेय के मुताबिक कैदियों की तबीयत बिगड़ने या फिर ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज से जुड़े स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. उनके मुताबिक बुजुर्ग कैदियों का प्रतिदिन ऑक्सीजन लेवल भी चेक किया जाता है. इसके साथ ही कैदियों को पब्लिक एड्रेस सिस्टम से कोविड को लेकर जागरूक भी किया जाता है. हांलाकि, नैनी सेंट्रल जेल में 2060 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में 4275 कैदियों को जेल में रखे जाने से कोरोना के संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है.   


बाहरी संपर्क की वजह से फैला संक्रमण
कैदियों के साथ ही नैनी सेंट्रल जेल के कई अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. नैनी सेंट्रल जेल के एक जेलर, दो डिप्टी जेलर, 15 वार्डर के साथ ही कई कर्मचारियों और अधिकारियों के परिजन भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए जेलों में हर दिन एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच कराई जा रही है. डीआईजी इंचार्ज पीएन पाण्डेय का कहना है कि जेल के कर्मचारी बाहर आते-जाते रहते हैं. इसके अलावा राशन सप्लाई की गाड़ियों के स्टाफ भी बाहर से ही आते हैं. बाहरी संपर्क की वजह से ही जेल में संक्रमण ने अपने पांव पसारे हैं.  


अलर्ट मोड में है जेल 
जेल के डीआईजी इंचार्ज पीएन पाण्डेय के मुताबिक कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए नैनी सेंट्रल जेल को पूरी तरह से अलर्ट मोड में रखा गया है. जेल में नए आने वाले कैदियों की पहले एंटीजन जांच कराई जाती है. रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें पहले अस्थायी जेल में रखा जाता है. आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही कैदियों को मुख्य कारागार में शिफ्ट किया जाता है. इसके साथ ही जेल परिसर को समय-समय पर सेनेटाइज भी कराया जा रहा है.   


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