प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में अवैध व मिलावटी भांग बनाए जाने की एक बड़ी फैक्ट्री पकड़ी गई है. पुलिस-क्राइम ब्रांच और आबकारी विभाग की छापेमारी में इस अवैध फैक्ट्री से सौ क्विंटल से ज्यादा मिलावटी भांग बरामद की गई है. इस भांग को उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के कई हिस्सों में पिछले लंबे अरसे से सप्लाई किया जाता रहा है. भांग में सड़ी और कीड़े लगी हुई खजूर व दूसरी खाद्य सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता था. इतना ही नहीं इसे बेहद गंदे तरीके से तैयार भी किया जाता था, तो साथ ही ज्यादा पैसे कमाने के फेर में इसमें भूसा व बुरादा भी मिलाया जाता था.
इस मिलावटी भांग से लोगों की सेहत और जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जाता था. बरामद की गई भांग की कीमत तकरीबन 60 लाख रुपए है. पुलिस ने फैक्ट्री संचालक समेत तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है. अफसरों का कहना है यहां न सिर्फ अवैध व मिलावटी भांग तैयार की जाती थी, बल्कि स्टाक व कॉपीराइट नियमों का भी उल्लंघन किया जाता था. बाहर की कंपनियों के पॉपुलर ब्रांड की भी फर्जी पैकिंग की जाते थी. यह अवैध फैक्ट्री शहर से सटे हुए फाफामऊ इलाके में पिछले करीब एक साल से संचालित की जा रही थी.
इसमें दर्जनों कर्मचारी और मजदूर काम करते थे
फैक्ट्री के तमाम कमरों में तैयार भांग बोरियों में भरकर रखी गई थी. भांग को तैयार करने के लिए तमाम बड़ी-बड़ी मशीनें भी लगाई गई थी. इसमें दर्जनों कर्मचारी और मजदूर काम करते थे. पुलिस को आशंका है कि इसके पीछे कोई बहुत बड़ा रैकेट हो सकता है. फैक्ट्री संचालक ने दिखावे के लिए एक छोटे काम का लाइसेंस ले रखा था. इस लाइसेंस की आड़ में वह अवैध फैक्ट्री का भी संचालन करता था. साथ ही दूसरे ब्रांड की भांग के रैपर पर वह आयुर्वेदिक औषधि लिखकर बेचता था. यानी कहा जा सकता है की दवा के नाम पर नशे का की खेप बाजारों में सप्लाई की जाती थी.
दालचीनी की जगह लकड़ी की छाल का इस्तेमाल किया जाता था
पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर यहां छापेमारी की और 100 क्विंटल से ज्यादा तैयार भांग को बरामद किया. अफसरों का कहना है की हिरासत में लिए गए संचालक और बाकी लोगों से पूछताछ व तफ्तीश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. जो भांग यहां तैयार की जाती थी वह बेहद घटिया क्वालिटी की होती थी. इसके साथ ही इसमें ऐसे खजूर का इस्तेमाल किया जाता था जो सड़ा हुआ होता था और उसमें कीड़े लगे होते थे. पुलिस ने एक कमरे से कई क्विंटल ऐसे खजूर को बरामद किया है जिसमें से दुर्गंध आ रही थी. इसमें दालचीनी की जगह लकड़ी की छाल का इस्तेमाल किया जाता था. मुनाफा कमाने के लिए भूसे का बुरादा भी मिलाया जाता था. भांग को गोली की शक्ल देने के लिए जो शीरा तैयार होता था, वह बेहद गंदगी के बीच बनता था.
अधिकारी इसे बड़ी कामयाबी मान रहे हैं
शुरुआती पूछताछ में संचालक ने बताया कि यहां तैयार की गई भांग को लाइसेंसी दुकानों के जरिए खपाया जाता था. अधिकारी इसे बड़ी कामयाबी मान रहे हैं. उनका मानना है कि तफ्तीश पूरी होने के बाद कोई बड़ा नेटवर्क सामने आ सकता है. प्रयागराज के गंगापार के एसपी धवल जायसवाल के मुताबिक बरामद की गई भांग को खाद्य व औषधि विभाग से भी जांच कराकर इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी ली जाएगी. आबकारी विभाग ने भी माना है कि यह भांग सेहत के लिए खासी नुकसानदायक साबित हो सकती है. वैसे सवाल यह उठता है कि जब शहर से सटे हुए इलाके में लंबे समय से यह अवैध फैक्ट्री चल रही थी. फैक्ट्री में हमेशा 70- 80 से लेकर डेढ़-दो सौ क्विंटल भांग भरी रहती थी. इन्हें यहां से वाहनों के जरिए सप्लाई किया जाता था, तो पुलिस व आबकारी विभाग को पहले इसकी भनक क्यों नहीं लग पाई.
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