Prayagraj News: ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. इसके साथ ही मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की ओर से बहस पूरी हो गई. 31 साल पहले वाराणसी जिला कोर्ट में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठाया गया. मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता सैयद फरमान नकवी ने पक्ष रखा. वहीं मस्जिद कमेटी की बहस पूरी होने के बाद यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बहस शुरू हुई.


यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा विवादित स्थल सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. 26 फरवरी 1944 को सरकार के नोटिफिकेशन में वक्फ घोषित है. हालांकि मंगलवार को यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की बहस आज पूरी नहीं हो सकी. हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की बहस पहले ही पूरी हो चुकी है. अब 3 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी.


अगली सुनवाई पर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की आगे की बहस जारी रहेगी. मुस्लिम पक्षकारों की बहस खत्म होने के बाद यूपी सरकार को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा. जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत में 31 साल पहले 1991 में दाखिल मुकदमे की सुनवाई हो सकती है या नहीं.  एएसआई से खुदाई कराकर सर्वेक्षण कराए जाने समेत कई अन्य मुद्दों पर भी बहस होनी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई के सर्वे पर रोक लगा रखी है.


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