Prayagraj News: अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में एक नया मोड़ आया है. जिसके चलते मुख्य आरोपी आनंद गिरि पर चार अगस्त को आरोप तय किया जाएगा. महंत नरेंद्र गिरि के आत्महत्या का मुकदमा जिला अदालत में ही चलाया जाएगा. आनंद गिरि की ओर से क्षेत्राधिकार को लेकर अर्जी दाखिल की गई थी, जो खारिज कर दी गई.


आनंद गिरि ने अर्जी को किया निरस्त
बता दें कि आनंद गिरी पर बाघम्बरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. इस मामले को लेकर अदालत ने कहा कि यह मामला प्रयागराज के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले को संज्ञान में लिया है. लिहाजा मामले का ट्रायल यहीं पर चलाया जाएगा. कोर्ट में अगली सुनवाई पर आरोप निर्धारण की कार्रवाई चलेगी. जिला जज नलिन कुमार श्रीवास्तव ने आनंद गिरि की अर्जी को निरस्त कर दिया है.


चार अगस्त को आरोप तय किया जाएगा
सीबीआई अधिवक्ता ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई कर रही है. मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया है,. लिहाजा, केस की सुनवाई सीबीआई की लखनऊ पीठ में होनी चाहिए. मुख्य आरोपी आनंद गिरि पर चार अगस्त को आरोप तय किया जाएगा. 


इस पर जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और वादी के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि सीबीआई को मामला सुपुर्द होने से पहले स्थानीय पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसका संज्ञान लिया और आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सीबीआई तो इस मामले में बाद में आई, इसलिए ट्रायल पर उसका क्षेत्राधिकार नहीं बनता है.


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