Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज के किसानों ने अनूठे अंदाज में सत्याग्रह शुरू किया है. यह सत्याग्रह यमुना नदी के पानी में खड़े होकर किया जा रहा है. अपनी तमाम मांगों को लेकर जल सत्याग्रह शुरू करने वाले भारतीय किसान यूनियन से जुड़े हुए आंदोलनकारी किसानों का साफ तौर पर कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक वह यमुना के गहरे पानी से बाहर नहीं निकालेंगे और पानी में खड़े होकर प्रदर्शन करते रहेंगे. हालांकि पुलिस और प्रशासन के तमाम अधिकारी नाराज किसानों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कई घंटे का वक्त बीतने के बावजूद अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है.


भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं का यह जल सत्याग्रह यमुनापार के कंजासा गांव के पास यमुना नदी में किया जा रहा है. यह जल सत्याग्रह दो दर्जन से ज्यादा मांगों को लेकर शुरू किया गया है. प्रदर्शनकारी किसानों की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन की यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह कर रहे हैं. इस मौके पर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, ताकि प्रदर्शन के दौरान कोई भी किसान यमुना के गहरे जल में किसी अनहोनी का शिकार न होने पाए. इस सत्याग्रह में सैकड़ो की संख्या में किसान शामिल हैं.


अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किया जल सत्याग्रह
प्रदर्शनकारी किसानों की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन की यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह के मुताबिक पिछले कई महीनों से किसानों की विभिन्न समस्याओं और मांगों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को समय-समय पर ज्ञापन दिए गए, लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों के स्तर पर किसानों की किसी भी मांग का समुचित निस्तारण नहीं किया गया. जिससे आहत होकर भारतीय किसान यूनियन ने मजबूरी में जल सत्याग्रह का फैसला लिया है.


अनुज सिंह के मुताबिक किसानों की 26 सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से राजस्व विभाग, बिजली विभाग, पुलिस विभाग और प्रयागराज विकास प्राधिकरण से जुड़ी समस्याएं हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में यमुनापार इलाके में बारा पावर प्लांट से प्रभावित किसानों की भी समस्याएं हैं. जिनको लेकर किसान लंबे समय से परेशान हैं और प्रशासनिक अधिकारियों से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.


अनुज सिंह का कहना है कि जल सत्याग्रह के जरिए किसानों की आवाज को वह प्रदेश की योगी सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, ताकि उनकी जायज मांगों पर सरकार उचित कार्रवाई करे. उनके मुताबिक इस जल सत्याग्रह को सफल बनाने के लिए शिफ्ट वाइज किसानों को बुलाया गया है. किसानों ने यमुना के पानी और किनारे पर डेरा जमा लिया है.


ये भी पढ़ें: काशी पहुंचीं नीता अंबानी, बाबा विश्वनाथ की शरण में सौंपा अनंत-राधिका की शादी का न्योता