Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है. यहां दोनों नदियां करीब चार से पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रही हैं. हालांकि दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से करीब पौने तीन मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन गंगा और यमुना की बाढ़ का पानी अब धीरे -धीरे कर रिहाइशी बस्तियों की तरफ बढ़ता जा रहा है.सबसे ज़्यादा असर संगम और आसपास के निचले इलाकों में देखने को मिल रहा है.


बाढ़ के पानी में डूबे रास्ते
संगम जाने वाले सभी रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. जिन रास्तों पर पांच दिन पहले वाहन तेजी से फर्राटा भरते थे, वहां अब नावें चल रही हैं.संगम के नजदीक स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर समेत तमाम मंदिरों -मठों व आश्रमों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. इसके साथ ही दोनों आरती स्थल भी बाढ़ के पानी में समां गए हैं. बाढ़ के चलते लोगों की आस्था भी प्रभावित हो रही है. नदियों का जलस्तर जिस रफ़्तार से बढ़ रहा है, उससे नदियों के किनारे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की नींद हराम हो गईं हैं.


प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
लगातार बढ़ते जलस्तर के चलते प्रशासन ने एक बार फिर से अलर्ट जारी कर दिया है. निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. दूसरे राज्यों में नदियों व बांधों से जो पानी छोड़ा गया है, वह अभी चार -पांच दिनों तक प्रयागराज में बढ़ता रहेगा.यानी अगले एक हफ्ते तक यहां के लोगों की मुसीबतें कम होने वाली नहीं हैं.आधी रात को लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर में गंगा की बाढ़ का पानी घुसने के बाद विशेष पूजा अर्चना की गई और मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया. प्रशासन ने बाढ़ के मद्देनज़र सभी एहतियाती कदम उठाए जाने के दावे किये हैं. हालांकि प्रशासन के इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं.


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