Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है. दोनों नदियां तीन से चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं. पिछले तीन दिनों में यहां गंगा और यमुना का जलस्तर करीब तीन मीटर तक बढ़ गया है. हालांकि जल स्तर बढ़ने के बावजूद प्रयागराज में अभी बाढ़ के हालात नहीं हैं, लेकिन जिस रफ्तार से नदियों का पानी बढ़ रहा है. उस आधार पर कहा जा सकता है कि दोनों नदियां चार से पांच दिनों के अंदर रिहाइशी बस्तियों में दाखिल होकर तबाही मचा सकती हैं. जल स्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है. 


आश्रमों और मठ मंदिरों में भी खतरा मंडराने लगा 
नदियों का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा दिक्कत गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है. संगम जाने वाले कई रास्ते नदियों के पानी में समा गए हैं. जिन रास्तों पर चार दिन पहले तक चार पहिया वाहन तेजी से फर्राटा भरते थे, वहां आज नावें चल रही हैं. संगम के पास के दोनों आरती स्थल पानी में डूब चुके हैं. बाहर से आने वाले श्रद्धालु घुटने भर से ज्यादा पानी में चलते हुए आस्था की डुबकी लगाने और पूजा-अर्चना करने के लिए मजबूर हैं. संगम के किनारे स्थित कई आश्रमों और मठ मंदिरों में भी पानी घुसने का खतरा मंडराने लगा है.


प्रशासन ने अलर्ट जारी किया 
नदियों का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. बाढ़ चौकियों को एक बार फिर से सतर्क कर दिया गया है. एक कंट्रोल रूम खोलकर वहां हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही निचले इलाके में रहने वाले लोगों को इस बात की हिदायत दी गई है कि वह जल स्तर पर निगाह बनाए रखें. पानी जब नजदीक आने लगे तो प्रशासन को सूचना दें और खुद किसी सुरक्षित जगह पर चले जाएं. जल स्तर बढ़ने के बाद संगम पर फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों ने अपना सामान समेट लिया है और अब बांध के नजदीक आ गए हैं. वैसे जिस तरीके से दिल्ली-मध्य प्रदेश व दूसरी जगहों से नदियों में पानी छोड़ा जा रहा है, उससे इस बात की आशंका जताई जा रही है कि आने वाले कई दिनों में जलस्तर अभी लगातार बढ़ता ही रहेगा. ऐसे में आने वाले दिनों में प्रयागराज के लोगों को बाढ़ की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.


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