Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में जिस जगह जर्जर इमारत गिरने से 5 लोगों की मौत हुई थी, वहां अब मातम पसरा हुआ है. प्रशासन ने एहतियातन पूरी बिल्डिंग को खाली करा दिया है. इसके साथ ही बिल्डिंग के बाहरी हिस्से को भी सील कर दिया गया है. बिल्डिंग के आसपास जाने की इजाजत किसी को भी नहीं है. हालांकि डेढ़ सौ साल पहले पुरानी इस बिल्डिंग को लेकर अगर पहले ही एहतियाती कदम उठाए गए होते तो शायद इतना बड़ा हादसा न होता और 5 लोगों की जिंदगी बच जाती. वैसे प्रशासन अब इस बिल्डिंग को ज़मींदोज़ किये जाने की तैयारी में है. इसके लिए कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है. इस हादसे को लेकर नगर निगम की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. 


बिल्डिंग में रहते थे 10 परिवार
तकरीबन डेढ़ सौ साल पुरानी इस इमारत को ऐसे जर्जर भवनों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था, जिन्हें खराब हालत की वजह से गिराए जाने का आदेश हुआ था. यह हाल तब है जब स्थानीय पार्षद ने नगर निगम से सिफारिश भी की थी.पार्षद की सिफारिश के बावजूद नगर निगम ने बिल्डिंग के मालिक का मालिकाना हक रखने वाले ट्रस्ट को सिर्फ नोटिस जारी किया था. ट्रस्ट की तरफ से नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया और सरकारी महकमा भी इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डालकर भूल गया.


दरअसल खंडहर हो चुकी यह बिल्डिंग एक ट्रस्ट की है. ठाकुरदीन ट्रस्ट ही इस बिल्डिंग का मालिकाना हक रखता है. ट्रस्ट में प्रमुख पदों पर काबिज होने को लेकर कुछ लोगों में विवाद की स्थिति है. इस बिल्डिंग में तकरीबन 10 परिवार रहते थे. ज्यादातर इसमें किराएदार थे. मकानों का किराया भी बेहद मामूली था. कोई सौ रुपया किराया देता था तो कोई डेढ़ सौ या दो सौ रुपया. किरायेदारों और ट्रस्ट के लोगों में भी मकान पर काबिज होने को लेकर मुकदमे बाजी चल रही है.


कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस मामले में न तो सरकारी अमले ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है और न ही मालिकाना हक रखने वाले ठाकुरदीन ट्रस्ट ने. ट्रस्ट से जुड़ी हुई रामरती सोनकर का कहना है कि आपसी विवाद के चलते ट्रस्ट काफी दिनों से ठीक से काम नहीं कर पा रहा है. बिल्डिंग का हिस्सा गिरने के लिए वह लोग जिम्मेदार हैं और अपनी गलती भी मान रहे हैं, लेकिन परिस्थितियां ऐसी थी कि वह लोग चाह कर भी इस बिल्डिंग की ना तो मरम्मत करा सकते थे और ना ही इसे गिरा सकते थे.


मलबे में दबकर हुई थी 5 लोगों की मौत
बहरहाल इस हादसे के बाद सरकारी अमला अब हरकत में आया है. प्रशासन ने नए सिरे से मकानों की लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है. साथ ही पहले तैयार की गई सूची में किन बिल्डिंग पर कार्रवाई हुई और किन पर नहीं, इनका भी सत्यापन कराया जाएगा. प्रयागराज की मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी का कहना है कि घटना बेहद दुखद है. इस हादसे से सबक लेते हुए नगर निगम अब नए सिरे से कवायद शुरू कर रहा है. जल्द ही जर्जर भवनों को एक अल्टीमेटम देते हुए उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ऐसे लोग जिनके पास रहने को जगह नहीं है, उन्हें सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने की भी कोशिश की जाएगी. 


हादसे में जिन 5 लोगों की मौत हुई थी उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर हर एक घर में मातम का माहौल था. घटना को लेकर कोहराम मचा हुआ है.ज्यादातर लोग गम और गुस्से दोनों में ही है.लोगों का कहना है कि अगर सरकारी अमले ने अपनी जिम्मेदारी पहले ही ठीक से निभाई होती तो इतना बड़ा हादसा रोक जा सकता था.गौरतलब है कि प्रयागराज शहर के मुट्ठीगंज इलाके के हटिया चौराहे पर कल दोपहर बारिश के दौरान एक जर्जर इमारत का बारजा गिर गया था.मलबे में दबकर 5 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 9 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.


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