Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में शव वाहन न मिलने से पिता द्वारा 10 साल के बेटे का शव कंधे पर लादकर ले जाने के मामले का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में यूपी के मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कई अफसरों को आज तलब कर लिया था. 


राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीके नारायण ने आज प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और सीएमओ को तलब कर उनसे पूरा ब्यौरा पेश करने को कहा था. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एस पी सिंह तो आयोग के सामने पेश हुए, लेकिन सीएमओ ने डॉ. नानक शरण ने अपनी जगह प्रतिनिधि से जवाब भिजवाया. इस पर आयोग ने गहरी नाराजगी जाहिर की और 24 अगस्त को सभी अफसरों को फिर से पेश होकर अब तक की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा पेश करने को कहा. आयोग इस मामले में 24 अगस्त को फिर से सुनवाई करेगा.


एक अगस्त को करंट लगने से हुई थी बच्चे की मौत


गौरतलब है कि एक अगस्त को प्रयागराज के करछना इलाके के डीहा गांव में बिजली पोल से चिपक कर 10 साल के एक बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम के बाद अस्पताल में शव वाहन न मिलने पर परिवार वाले बच्चे के शव को कई किलोमीटर तक कंधे पर लादकर पैदल ही ले गए थे. परिवार वाले जिस वक्त बच्चे के शव को कंधे पर लाद कर ले जा रहे थे उस वक्त तेज बारिश भी हो रही थी. बच्चे के शव को कंधे पर लाद कर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.


सडीओ और जूनियर इंजीनियर समेत तीन लोग हुए थे सस्पेंड


 इस मामले में बिजली विभाग ने एसडीओ और जूनियर इंजीनियर समेत तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया था, जबकि संविदा पर काम करने वाले लाइनमैन की सेवाएं खत्म कर दी गई थी. चीफ इंजीनियर समेत दो अफसरों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई थी. एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने मामले में बदजुबानी करने पर करछना थाने के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया था. उनकी जगह नए इंस्पेक्टर की तैनाती पहले ही की जा चुकी है. सोशल मीडिया पर यह मामला पिछले एक हफ्ते से लगातार सुर्खियों में है. इस मामले में बीजेपी सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी पहले ही नाराजगी जता चुकी हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील वीसी श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा ने इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग में औपचारिक शिकायत करने की भी बात कही है.