Prayagraj News: प्रयागराज पुलिस ने ऑनलाइन गेम के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले इंटर स्टेट गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के एक दर्जन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि प्रयागराज पुलिस की सूचना पर बिहार पुलिस ने गोपालगंज में छापेमारी कर वहां से बारह सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
प्रयागराज पुलिस ने जिन एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके पास से 42 मोबाइल फोन, 52 सिम कार्ड, पांच लैपटॉप और तकरीबन ढाई करोड़ रुपए के लेनदेन के हिसाब वाला रजिस्टर भी बरामद किया है. इसके अलावा बिहार में पकड़े गए आरोपियों के पास से 42 मोबाइल फोन और 7 लैपटॉप समेत तमाम अन्य सामान बरामद किए गए हैं. पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक गिरोह के लोगों को ऑनलाइन गेम के नाम पर की जाने वाली ठगी से रोजाना बीस लाख रूपए से ज्यादा का फायदा होता था. इस नेटवर्क में विदेशी ताकतों के हाथ होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.
जाल में ऐसे फंसाया जाता था
प्रयागराज कमिश्नरेट के यमुनानगर जोन की डीसीपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है कि प्रयागराज में पकड़े गए आरोपियों की गिरफ्तारी नैनी इलाके से हुई है. उनके मुताबिक गिरोह के लोग इसी तरह इकट्ठे होकर कुछ-कुछ दिनों के लिए अलग-अलग जगह पर रहते थे और लगातार अपने ठिकाने बदलते रहते थे.
प्रयागराज कमिश्नरेट के यमुनानगर जोन की डीसीपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है कि प्रयागराज में पकड़े गए आरोपियों की गिरफ्तारी नैनी इलाके से हुई है. उनके मुताबिक गिरोह के लोग इसी तरह इकट्ठे होकर कुछ-कुछ दिनों के लिए अलग-अलग जगह पर रहते थे और लगातार अपने ठिकाने बदलते रहते थे.
डीसीपी श्रद्धा ने जानकारी दी है कि इंटर स्टेट गिरोह के लोगों ने ऑनलाइन गेम खेलने के लिए तीन वेबसाइट बना रखी थी. इन वेबसाइट का प्रचार वह इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर करते थे. लोगों को यह बताया जाता था कि गेम जीतने पर उन्हें इनाम के तौर पर कई गुना ज्यादा रकम मिलेगी. गेम के रिजल्ट का कंट्रोल गिरोह के लोगों के पास ही होता था.
श्रद्धा नरेंद्र पांडेय के मुताबिक गिरोह के लोग शुरू में जानबूझकर लोगों को जीतने का मौका देते थे और ईनाम के तौर पर उन्हें कई गुना रकम भी देते थे. लोग जब ज्यादा ईनाम जीतने की लालच में ढेरों पैसे लगा देते थे तो गिरोह के लोग उन्हें साजिश के तहत हराकर उनके पैसे हड़प लेते थे. ऑनलाइन गेम खेलने वालों का पहला रजिस्ट्रेशन कराया जाता था.
बिहार-छत्तीसगढ़ से जुड़े हैं तार
प्रयागराज पुलिस के मुताबिक गिरोह के पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. बिहार के साथ ही इनके तार छत्तीसगढ़ से भी जुड़े होने की खबर मिली है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों को जल्द ही कस्टडी डिमांड में लेकर उनसे और गहराई से पूछताछ की जाएगी और पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की जाएगी. अफसरो का दावा है कि इस मामले में विदेशी कनेक्शन के की आशंका से कतई इंकार नहीं किया जा सकता.
प्रयागराज के यमुनानगर जोन की डीसीपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने नागरिकों को सलाह दी है कि वह अगर वह ऑनलाइन गेम खेलने के शौकीन है और पैसे लगाकर ईनाम जीतने की लालच में गेम खेलते हैं तो ऑनलाइन गेम खेलने से पहले उन्हें वेबसाइट या एप के बारे में तहकीकात कर लेनी चाहिए. यह पता कर लेना चाहिए कि वेबसाइट या एप ट्रस्टेड है या नहीं और कहीं उनके साथ फ्रॉड करने की कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है. प्रयागराज से गिरफ्तार किए गए एक दर्जन आरोपियों में से पांच छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं जबकि पांच यूपी के गाजीपुर के रहने वाले हैं.
प्रयागराज के यमुनानगर जोन की डीसीपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने नागरिकों को सलाह दी है कि वह अगर वह ऑनलाइन गेम खेलने के शौकीन है और पैसे लगाकर ईनाम जीतने की लालच में गेम खेलते हैं तो ऑनलाइन गेम खेलने से पहले उन्हें वेबसाइट या एप के बारे में तहकीकात कर लेनी चाहिए. यह पता कर लेना चाहिए कि वेबसाइट या एप ट्रस्टेड है या नहीं और कहीं उनके साथ फ्रॉड करने की कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है. प्रयागराज से गिरफ्तार किए गए एक दर्जन आरोपियों में से पांच छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं जबकि पांच यूपी के गाजीपुर के रहने वाले हैं.