Prayagraj News: प्रयागराज में बड़ा पंचायती अखाड़े के संतों ने कावड़ यात्रा को राष्ट्रीय पर्व घोषित किए जाने की मांग की है. इन संतों की दलील है कि कावड़ यात्रा पूरे देश में निकाली जाती है. इसके अलावा जिस भगवान शिव के नाम पर यह यात्रा निकाली जाती है, वह किसी एक धर्म या संप्रदाय का नहीं बल्कि सभी का कल्याण करते हैं. 


संतों के मुताबिक भगवान भोलेनाथ की महिमा इतनी विराट है कि अंतरिक्ष से लेकर चांद और सूरज तक उनके शरीर के एक रोएं के बराबर हैं. संतों का कहना है कि कावड़ यात्रा को राष्ट्रीय पर घोषित किए जाने के बाद इससे जुड़े विवाद भी खत्म हो जाएंगे. राष्ट्रीय पर्व घोषित होते ही सभी को इसका सम्मान करना पड़ेगा. बड़ा पंचायती अखाड़े के महंत रघु मुनि जी महाराज और सचिव महंत अग्रदास का कहना है कि वह लोग जल्द ही दूसरे अखाड़ों के संत महात्माओ से बातचीत कर इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाएंगे. इस बारे में अखाड़ा परिषद के दोनों गुटों से भी बातचीत की जाएगी. 


मंदिर-मस्जिदों को ढकने का फैसला गलत
महंत रघु मुनि और महंत अग्रदास का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कावड़ यात्रा के दौरान तोड़फोड़ के जो मामले सामने आए हैं, उनमें असामाजिक तत्वों का हाथ हो सकता है. कावड़ यात्रा को बदनाम करने के लिए कुछ लोग जानबूझकर शरारत कर सकते हैं, क्योंकि कावड़ थमने वाला कोई भी व्यक्ति कभी हिंसा नहीं कर सकता. इन संतों का कहना है कि कावड़ यात्रा के रास्तों में मस्जिदों और दरगाहों को पर्दे से ढके जाने का फैसला सही नहीं है. हालांकि इनका कहना है कि जब ताजिए के जुलूस निकलते हैं, तब कई जगह मंदिरों को ढक दिया जाता है. ना तो मंदिरों को ढकने का फैसला सही है और ना ही मस्जिदों पर पर्दे डालने का.


उदासीन संप्रदाय के बड़ा पंचायती अखाड़े के महंत रघु मुनि और महंत अग्रदास ने अपने ही अखाड़े के पदाधिकारियों पर मनमानी करने के आरोप लगाए हैं. इन्होंने कहा है कि वह प्रयागराज के महाकुंभ में अखाड़े की तरफ से संतों का नेतृत्व करते हुए काम न कर सकें, इसलिए उन पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. महंत रघु मुनि कहना है कि उनकी मानहानि करने की साजिश रची जा रही है, लेकिन वह चुप नहीं बैठेंगे और इस मामले को अदालत की दहलीज तक ले जाएंगे.


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