Sharadiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri 2023) का पर्व आज यानी 15 अक्टूबर से शुरु हो गया. पर्व को लेकर हर क्षेत्र में अपनी-अपनी मान्यताएं और परंपराएं हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नवरात्र का पर्व अलग अंदाज में मनाया जाता है. इस अवसर पर पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से शाही अंदाज में कर्ण घोड़ा की शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.


शाही अंदाज में निकाली कर्ण घोड़ा की शोभायात्रा
प्रयागराज की पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से शाही अंदाज में कर्ण घोड़ा की शोभायात्रा निकाली गई. हीवेट रोड स्थित चमेली देवी धर्मशाला से शुरू हुई शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए बादशाही मंडी पहुंची. इस शोभायात्रा में डीजे, बैंड, भांगड़ा, आकर्षक झांकियां और रंग बिरंगी रोशनी दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर रही थी. फाइबर के बने 15 फीट ऊंचे प्रतीकात्मक कर्ण घोड़ा पहिए के बल पर जुलूस की अगुवाई करता हुआ शान से चल रहे थे.


भगवान राम का दूत है कर्ण घोड़ा
कर्ण घोड़ा को भगवान राम का दूत माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि कर्ण घोड़ा के जरिए दशहरा पर्व का उत्सव शुरू होने का संदेश दिया जाता है. इस शोभायात्रा को देखने के लिए शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. महिलाएं, बच्चे, युवा, बुजुर्ग सड़क के दोनों तरफ खड़े होकर प्रभु राम की जय जयकार करते नजर आ रहे थे. शोभायात्रा की अगुवाई पथरचट्टी रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पंडित मुकेश पाठक ने की. कर्ण घोड़ा शोभायात्रा के बाद पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से रामलीलाओं का मंचन भी शुरू हो जाता है.


श्रद्धालुओं ने क्या कहा
श्रद्धालु अंजलि रावत ने कहा कि मां के दर्शन करके ऊर्जा महसूस हो रही है. उन्होंने माता रानी से देश और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. वहीं एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं होती है. यहां पर झूले का दर्शन होता है और यहां आने पर सबकी मनोकामना पूरी होती है. 


ये भी पढ़ें- 


UP Cabinet Expansion: योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलों के बीच ओम प्रकाश राजभर का बड़ा बयान, खुद के मंत्री बनने पर किया दावा