Prayagraj News: फीस बढ़ोतरी के विरोध में आंदोलन की अगुवाई करने वाले छात्र नेता को नहीं मिला एडमिशन, नंगे पांव चलने का लिया संकल्प
Allahabad Central University: प्रशासन ने तीन साल पहले यहां के छात्र संघ को खत्म कर दिया था. छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. वह पिछले करीब ढाई सालों से लगातार अनशन पर बैठे हैं.
Prayagraj News: प्रयागराज (Prayagraj) में चार गुना फीस बढ़ोतरी के विरोध में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Allahabad Central University) के छात्रों का आंदोलन ढाई महीने का वक्त बीतने के बावजूद लगातार जारी है. इस बीच आंदोलन की अगुवाई करने वाले छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने आरोप लगाया है कि मेरिट में जगह बनाने के बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन उसे नए कोर्स में एडमिशन नहीं दे रहा है और उसका उत्पीड़न कर रहा है.
आरोप लगाने वाले छात्र नेता अजय यादव ने अब यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ गांधीगिरी शुरू कर दी है. उन्होंने जूते चप्पल का त्याग कर दिया है और एडमिशन नहीं मिलने और फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस नहीं होने तक नंगे पांव चलने का ही संकल्प लिया है. छात्र नेता अजय सम्राट इन दिनों कैंपस में नंगे पांव घूम कर गांधीगिरी करते हुए छात्रों के बीच चर्चा का सबब बने हुए हैं. इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन फिलहाल बैकफुट पर नजर आ रहा है.
छात्र अजय ने लगाया ये आरोप
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तीन साल पहले यहां के छात्र संघ को खत्म कर दिया था. छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. वह पिछले करीब ढाई सालों से लगातार अनशन पर बैठे हैं और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ आंदोलन छेड़े हुए हैं. इस बीच सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने इसी साल अगस्त महीने में अपनी फीस में चार गुना की बढ़ोत्तरी कर दी.
एक साथ चार गुना फीस बढ़ने के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया. इस फैसले के खिलाफ छात्र मुखर हो गए और तमाम छात्र संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया. एबीवीपी को छोड़कर बाकी संगठनों के साझा आंदोलन की अगुवाई करने वालों मे इस बार भी अजय यादव सम्राट ही रहे. चार गुना फीस बढ़ोत्तरी के विरोध में छात्रों के इस आंदोलन ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव-कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और आप सांसद संजय सिंह के साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने खुलकर छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया. इतना ही नहीं खुद बीजेपी के सांसद वरुण गांधी और डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने भी बेतहाशा फीस बढ़ोतरी को गलत बताया था और छात्रों के पक्ष में आवाज उठाई थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों के आंदोलन को देखते हुए पूरे कैंपस को तकरीबन 40 दिनों तक पुलिस छावनी में तब्दील करा दिया था. आंदोलन करने वाले छात्रों के खिलाफ कई बार पुलिस में एफ.आई. आर भी दर्ज कराई गई थी.
छात्र को अभी तक नहीं मिला एडमिशन
नए एडमिशन हो जाने के बाद छात्रों का आंदोलन कुछ कमजोर तो पड़ा, लेकिन अब भी दर्जनों छात्र रोजाना अनशन पर बैठते हैं. इस बीच आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन उन्हें परेशान करने और आंदोलन को खत्म करने की मंशा के मद्देनजर नए कोर्स में उन्हें एडमिशन देने से साफ तौर पर मना कर रहा है. अजय यादव का दावा है कि नए पीजी कोर्स के लिए उन्होंने न सिर्फ प्रवेश परीक्षा दी थी, बल्कि न्यूनतम अंक से काफी ज्यादा नंबर भी हासिल किए थे.
अजय यादव ने कुछ दिनों पहले ही यूनिवर्सिटी से एल एल एम की पढ़ाई पूरी की है. अब वह वूमेंस स्टडीज से जुड़े हुए कोर्स में पीजी करना चाहते हैं. अजय यादव का कहना है कि वह ओबीसी में भले ही आते हैं लेकिन उनके नंबर सामान्य अभ्यर्थियों से भी ज्यादा है, लेकिन इसके बावजूद वह जब भी अपने दाखिले के लिए जाते हैं तब उन्हें फीस बढ़ोतरी के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन को लेकर ताना दिया जाता है और एडमिशन देने से साफ मना कर दिया जाता है.
अजय यादव ने अपने मामले को लेकर कई बार यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव से भी मिलने की कोशिश की, लेकिन वह जब भी वीसी दफ्तर जाते हैं वहां पुलिस उन्हें पहले ही रोक लेती है और वीसी से मिलने नहीं देती.अजय यादव का वाइस चांसलर से मिलने की कोशिश के दौरान पुलिस द्वारा जबरन रोके जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ है.इस बारे में यूनिवर्सिटी प्रशासन सीधे तौर पर कुछ भी कहने के बजाय गोलमोल जवाब देता है. यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि दूसरा पीजी करने के लिए अनुमति की जरूरत होती है. वाइस चांसलर ने इसके लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है.
बहरहाल छात्र नेता अजय यादव सम्राट को अभी तक दाखिला नहीं मिल सका है और न ही यूनिवर्सिटी का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनसे मिलने या बात करने को तैयार है. इससे निराश होकर अजय यादव सम्राट ने अब गांधीगिरी का रास्ता अपना लिया है. उन्होंने हफ्ते भर पहले ही जूते चप्पल का त्याग कर दिया है और नंगे पांव चलने का ही ऐलान किया है. वह कैंपस से लेकर अपने हॉस्टल या दूसरी किसी भी जगह पर नंगे पांव ही चलते हैं. अजय सम्राट के मामले से तमाम दूसरे छात्र भी यूनिवर्सिटी प्रशासन से नाराज हैं. दूसरे छात्रों का भी यही मानना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन बदले की भावना से काम कर रहा है और वह आंदोलन को दबाने के लिए अजय यादव को एडमिशन नहीं दे रहा है.
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