Live-in Relationship: 'बालिगों को स्वेच्छा से जीने का अधिकार', लिव-इन रिलेशन पर HC का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक प्रेमी जोड़े को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल लड़की के पिता ने लड़के के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया था.
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UP News: लिव-इन-रिलेशनशिप (Live-in Relationship) से जुड़े एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि बालिग लोगों को उनकी स्वेच्छा से रहने-जीने का अधिकार है. कोई भी किसी के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. जौनपुर से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है.
दरअसल, यह जौनपुर से जुड़ा एक मामला है जिसमें लड़की के पिता ने अपहरण का केस दर्ज कराया था. इस मामले में पिता द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई थी जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. कोर्ट में प्रेमी युगल ने हलफनामा दाखिल किया था जिसमें उन्होंने कोर्ट को बताया था कि वे बालिग हैं. इस मामले में जस्टिस सुनीत कुमार और सैय्यद वैज मिया की खंडपीठ ने फैसला सुनाया है.
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