Prayagraj News Today: महाकुंभ में इस बार देश विदेश से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसलिए योगी सरकार जमीनी स्तर पर जोर शोर से तैयारी कर रही है.
इसी क्रम में प्रयागराज के लोगों को अपने मकान में 'पेइंग गेस्ट फैसिलिटी' शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को घर जैसा माहौल मिल सके. इसकी शुरुआत भी हो गई है.
बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पर्यटन विभाग के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन कराकर गुड बिहेवियर, बेस्ट क्लीनिंग और मेहमाननवाजी की ट्रेनिंग ले रहे हैं. अधिक से अधिक लोगों को इस व्यवस्था से जोड़ने के लिए टोल फ्री नंबर और व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है.
इस व्यवस्था से न सिर्फ श्रद्धालुओं को महंगे होटलों से छुटकारा मिलेगा बल्कि उन्हें कम कीमतों में बेहतर सुविधाओं से लैस पेइंग गेस्ट की सुविधा मिलेगी. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार का साधन भी मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि हो सकेगी.
2000 मकानों में पेइंग गेस्ट फैसिलिटी
योगी सरकार के निर्देश पर दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम को यादगार बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी जा रही है. यहां देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की मेहमाननवाजी सरकार की प्राथमिकता है.
पर्यटन विभाग ने फिलहाल 2000 मकानों में पेइंग गेस्ट फैसिलिटी शुरू करने का लक्ष्य तय किया है. पेइंग गेस्ट फैसिलिटी में श्रद्धालुओं को रहने और खाने की सुविधा उपलब्ध होगी. जरूरत के हिसाब से इसकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है.
क्या है लाइसेंस की प्रक्रिया?
एबीपी न्यूज से खास बातचीत के दौरान प्रयागराज के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि इस योजना से जुड़ने की प्रक्रिया काफी आसान है. ऐसे स्थानीय लोग जिनके पास खुद का मकान है वो इससे जुड़कर महान सांस्कृतिक आयोजन में भागीदार बन सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय से महज 50 रुपये का एक चालान फार्म भरकर जमा करना होगा.
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि फार्म के साथ कमरों की फोटो और नगर निगम को दिए जाने वाले टैक्स की रसीद लगानी होगी. जिसके बाद पर्यटन विभाग की तरफ से वेरिफिकेशन की एक सामान्य प्रक्रिया पूरी करनी होगी.
वेरिफिकेशन के बाद पर्यटन विभाग की ओर से लाइसेंस जारी किया जाएगा, जिसके बाद मकान मालिक पेइंग गेस्ट सुविधा प्रदान कर सकेंगे. जिन मकानों को पेइंग गेस्ट की सुविधा हेतु लाइसेंस जारी किया जाएगा, उनकी सूची मेला प्रशासन की वेबसाइट और ऐप पर भी जारी की जाएगी. वहां से पर्यटक और श्रद्धालु पेइंग गेस्ट फैसिलिटी के लिए एप्रोच कर पाएंगे.
लाइसेंस पाने वालों को दी जाएगी ट्रेनिंग
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के अनुसार, वेरिफिकेशन के बाद जो लाइसेंस दिया जाएगा वो 3 साल के लिए मान्य होगा. इसके तहत कम से कम दो और अधिकतम पांच कमरे का रजिस्ट्रेशन कराए जाने की योजना है.
लाइसेंस पाने वालों को पर्यटन विभाग की ओर से स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है. उन्हें श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ अच्छे बर्ताव, उनकी सुविधा का हर तरह से ध्यान रखने के लिए बारीक से बारीक बातें सिखाई जा रही हैं.
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार की कोई सालाना फीस या टैक्स भरने की कोई बाध्यता नहीं है. होटल के नॉर्म्स और एनओसी के झंझट में भी नहीं पड़ना होगा.
इसमें सिर्फ लैंड डॉक्यूमेंट और एफिडेविट लगाकर लाइसेंस प्राप्त किया जा सकेगा. सुविधा प्रदान करने का किराया भी मकान मालिक के जरिये ही निर्धारित किया जाएगा, इसमें पर्यटन विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.
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