UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के नए नजूल कानून पर मचा कोहराम थमने का नाम नहीं ले रहा है. विधानसभा में बिल पेश होने के बाद मामला भले ही प्रवर समिति को रेफर कर दिया गया हो, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में नजूल की जमीन पर मकान बना कर रह रहे लोगों की चिंता और डर अभी खत्म नहीं हुआ है. ज्यादातर लोगों का कहना है कि इस मामले में अपने ही विधायकों और नेताओं के विरोध के बावजूद सरकार इस मामले को लेकर जिस तरह से अडिग है, उससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में रहने वाले लोगों को या तो बेदखल कर दिया जाएगा या फिर बुलडोजर चलाकर उस पर कब्जा कर लिया जाएगा.
लोगों का कहना है कि यह मामला सैकड़ों और हजारों नहीं बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है. इस मामले में सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए. इस एक्ट को वापस लेना चाहिए और लोगों को परेशान करने वाले ऐसे कानून कभी नहीं लाने चाहिए. परेशान लोगों का यह भी कहना है कि जो लोग पीढ़ी दर पीढ़ी नजूल की जमीनों पर मकान बना कर रह रहे हैं उन्हें पैसे लेकर जमीन ट्रांसफर कर दी जाए ताकि वह वैध तरीके से रह सकें.
यूपी की योगी सरकार के नजूल एक्ट से सबसे ज्यादा परेशान संगम नगरी प्रयागराज के लोग हैं. एक अनुमान के मुताबिक प्रयागराज शहर का एक तिहाई से ज्यादा इलाका सरकारी जमीन पर बसा हुआ है. इनमें से ज्यादातर जमीनें नजूल लैंड हैं. प्रयागराज में तकरीबन एक लाख मकान नजूल की जमीन पर बने हैं. इन मकानों में करीब पांच लाख लोग रहते हैं. विधानसभा में कानून पास होने के बाद से प्रयागराज के लोगों की नींद हराम हो गई है. उन्हें घर से बेदखल होने का डर सताने लगा है. तमाम परिवारों में मातम सा पसरा हुआ है.
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