Prayagraj News: फाल्गुन अमावस्या पर बन रहा है यम घंट और यामित्र योग, 12 सालों बाद है इस तरह का संयोग
UP News: प्रयागराज में फाल्गुन महीने की अमावस्या 10 मार्च को हैं.12 सालों बाद ऐसा संयोग देखने को मिल रहा है जब ग्रहों और नक्षत्रों के विशेष संयोग के चलते फाल्गुन अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ गया हैं.
Prayagraj News: फाल्गुन महीने की अमावस्या कल यानी दस मार्च को है. ग्रहों और नक्षत्रों के विशेष संयोग के चलते इस बार की फाल्गुनी अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ गया है. फाल्गुनी अमावस्या के मौके पर तीर्थराज प्रयागराज में गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे. हालांकि प्रयागराज में माघ मेले का औपचारिक समापन महाशिवरात्रि पर हो गया हैं. लेकिन फिर भी तमाम संत -महात्मा और श्रद्धालु कल फाल्गुनी अमावस्या के स्नान और दान पुण्य के बाद ही मेला क्षेत्र से विदा होंगे.
माघ मेले में मौजूद हरियाणा के नागेश्वर धाम पीठाधीश्वर स्वामी महेशाश्रम जी महाराज के मुताबिक फाल्गुन अमावस्या के मौके पर चन्द्रमा अर्ध चंद्राकार रहते हैं.इसके साथ ही इस बार यमघंटक योग बन रहा है.यह संयोग विशेष फलदायी होता है. इस मौके पर गंगा -यमुना समेत दूसरी पवित्र नदियों में स्नान करने वालों को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए.उनके मुताबिक़ इस मौके पर सफ़ेद कपड़ों और सफ़ेद सामानों का दान करने वालों पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है.
'12 सालों बाद इस तरह का संयोग'
मेले में ही मौजूद आचार्य ज्ञानेश्वर मिश्र के मुताबिक़ फाल्गुन का महीने परिवर्तन का होता है. उनका कहना है कि यम घंट योग के साथ ही पूर्वा फाल्गुन नक्षत्र ने इस बार की फाल्गुनी अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ा दिया है. इस मौके पर करीब डेढ़ घंटे के लिए यामित्र योग भी बन रहा है. इस तरह का विशेष संयोग तकरीबन बारह सालों के बाद पड़ रहा है. उनके मुताबिक़ इस बार विशिष्ट संयोग बन रहा है. इस मौके पर प्रयागराज में त्रिवेणी की धारा में स्नान कर शिव और चंडी की आराधना करने वालों को शारीरिक कष्टों से निजात मिलती है और साथ ही आध्यात्मिक सुख भी हासिल होता है.
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