UP News: संगम नगरी प्रयागराज में डेंगू के मरीजों को मुसम्मी का जूस मिला हुआ प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के कथित तौर पर चर्चित और सनसनीखेज मामले में पुलिस ने शुक्रवार को एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने सरगना समेत गिरोह से जुड़े हुए 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से 18 पाउच प्लाजमा, 3 पाउच संदिग्ध प्लेटलेट्स, एक लाख रुपये नगद, तीन अदद दो पहिया वाहन और 13 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. 


डीएम संजय कुमार खत्री और एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय का दावा है कि गिरोह के लोग ब्लड बैंकों से प्लाज्मा हासिल करते थे. हर पाउच में 350 एम एल प्लाज्मा रहता है. इसके बाद यह सीरींज से प्लाज्मा को दूसरे पाउच में भरते थे. यह पचास-पचास एमएल के दूसरे पाउच में प्लाज्मा को भरने के बाद उसे प्लेटलेट्स बता कर बेच देते थे. प्लाज्मा के पाउच में जिस जगह सीरींज का इस्तेमाल किया जाता था, वहां यह लोग शहर के नामचीन अस्पतालों के नाम के फर्जी स्टीकर चिपका देते थे. इसके साथ ही जरूरतमंदों को अस्पतालों की फर्जी रसीद भी देते थे. अफसरों के मुताबिक प्लाज्मा को प्लेटलेट्स बताकर गिरोह के लोग इसे हजारों रुपए की ऊंची कीमत पर जरूरतमंदों को बेच देते थे.


जांच के लिए भेजे गए पाउच
प्लेटलेट्स में मुसम्मी का जूस मिलाए जाने के आरोपों पर अफसरों का कहना है कि गिरोह के पास से बरामद हुए संदिग्ध प्लेटलेट्स पाउच को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा. लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ होगा कि प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाए जाने के लिए इसमें मुसम्मी का जूस मिलाया जाता था या कुछ और, या फिर सिर्फ प्लाज्मा को ही प्लेटलेट्स बता कर उसे डेंगू मरीजों के परिवार वालों को बेच दिया जाता. हालांकि अफसरों ने यह दावा जरूर किया है कि कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने मुसम्मी का जूस मिलाए जाने के दावों से पूरी तरह इंकार किया है. अफसरों का कहना है कि पूरी सच्चाई लैब रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही पता चल सकेगी.




प्लेटलेट्स के बजाए मुसम्मी का जूस चढ़ाए जाने के सनसनीखेज मामले में शुक्रवार शाम जिले के डीएम संजय कुमार खत्री, एसएसपी शैलेश पांडेय, सीएमओ नानक सरन और एसपी सिटी संतोष कुमार मीणा ने साझा तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरफ्तार किए गए गिरोह के 10 सदस्यों को पेश भी किया गया. गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों में से पांच अलग-अलग प्राइवेट लैब से जुड़े हुए हैं. यही लोग प्लाज्मा को सीरींज से निकाल कर उन्हें दूसरे पाउच में भरते थे. अफसरों के मुताबिक सीरीज से निकाले जाने के दौरान प्लेटलेट्स इनफेक्टेड हो जाता था. संक्रमित होने की वजह से ही झलवा इलाके के ग्लोबल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज प्रदीप पांडेय को प्लेटलेट चढ़ाए जाने के बाद उसकी मौत हो गई थी.


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एसएसपी का दावा
एसएसपी शैलेश पांडेय ने दावा किया है कि पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर इनके खिलाफ गैंगस्टर या एनएसए के तहत भी केस दर्ज किया जाएगा. गिरोह से जुड़े हुए बाकी सदस्यों का भी पता लगा कर उनकी धरपकड़ की जाएगी. दूसरी तरफ कथित तौर पर मिलावटी और संक्रमित प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के बाद मौत का शिकार हुए, डेंगू मरीज प्रदीप पांडेय के परिवार वालों की शिकायत पर शहर के धूमनगंज थाने में अलग मुकदमा दर्ज किया गया है.


हालांकि इस सनसनीखेज मामले में अभी तमाम सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब सामने आना बाकी है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने मीडिया से बातचीत के दौरान खुद का बचाव करते हुए अपने दूसरे साथियों को इस गोरखधंधे के लिए जिम्मेदार बताया. सवाल यह है कि प्रयागराज पुलिस गिरोह के पास से पकड़े गए आरोपियों के पास से बरामद और पीड़ित परिवार के पास बचे हुए कथित प्लेटलेट्स पाउच को जांच के लिए कब लैब भेजेगी. लैब रिपोर्ट कब सामने आएगी और उसके बाद दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी.