Prayagraj Lathi Charge: प्रयागराज में नौकरी की मांग को लेकर छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो गया है. ये मामला सलोरी छोटा बघाड़ा का है. जहां छात्र नौकरी की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए और ट्रेन को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस का कहना है कि छात्र रेलवे की संपत्ति को नुकसान पुहंचाने की कोशिश कर रहे थे जिसके बाद ये कार्रवाई की गई. वहीं पुलिस अनावश्यक बल प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की बात कह रही है.

 

लॉज में घुसकर छात्रों की पिटाई

 

ये पूरा मामला मंगलवार का है जब सलोरी इलाके में ये छात्र टीईटी की परीक्षा समेत तमाम मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. सैकड़ों की संख्या में पहुंचे छात्रों ने पहले सड़क पर रैली निकाली और फिर रेलवे ट्रेक की ओर चले गए और ट्रेन को रोकने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने इन छात्रों पर लाठी चार्ज कर दिया. तनाव के देखते हुए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया. इसके बाद पुलिस ने सलोरी, छोटा बघाड़ा, एनिबेसेंट पुलिस चौकी के पास रहने वाले इलाकों में अपना सर्च अभियान चलाया. पुलिस ने उपद्रवियों को ढूंढने के लिए छात्रों लॉज तक में घुस गई और उनके कमरों के दरवाजे तोड़ डाले.

 

प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को घेरा

 

इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद इस पर सियासत भी शुरू हो गई. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाधी ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए सीएम योगी पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, ‘‘प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है. प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए. युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं.”

 


 

छात्रों को हॉस्टल में घुसकर पीटने के मामले में प्रयागराज के एसएसपी ने तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया. इसके साथ ही कहा कि अनावश्यक बल प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं दूसरी तरफ उपद्रवी छात्रों के खिलाफ भी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. एएसपी अजय कुमार ने कहा कि इस मामले में दोषी छात्रों और पुलिस कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा. 

 

दोषियों का बख्शा नहीं जाएगा- पुलिस

 

पुलिस का कहना है कि छात्रों द्वारा रेल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की आशंका जताई गई थी. रेलवे इंजन को भी आग लगाए जाने की आशंका था. जिसके बाद पर्याप्त पुलिस बल दंगा निरोधक उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचा था और छात्रों को पुलिस ने रेलवे ट्रैक से हटा दिया था. लेकिन फिर भी कुछ उपद्रवी छात्र पुलिस पर पत्थर फेंक रहे थे और फिर पास के हॉस्टलों में जाकर छिप गए. उनको बाहर निकालने के लिए पुलिसकर्मियों को अनावश्यक बल का इस्तेमाल करना पड़ा.