प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में असिस्टेंट टीचर्स के 69 हजार पदों की भर्ती का विवादों का नाता टूटने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस भर्ती प्रक्रिया पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज में इसी भर्ती में नियुक्ति दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों से लाखों रूपये वसूलने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है.


पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 8 लोगों को गिरफ्तार करते हुए कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. गिरोह के कई लोग अभी फरार बताए जा रहे हैं. गिरोह का सरगना एक मेडिकल आफिसर है, जो पहले जिला पंचायत का सदस्य रह चुका है और उसके चार स्कूल भी हैं. पुलिस ने पकड़े गए लोगों के पास से साढ़े सात लाख रूपये नगद, दो कार, कई तैयार नियुक्ति पत्र व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये हैं.



पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि शिक्षक भर्ती का पेपर गिरोह के सरगना डा केएल पटेल के स्कूल से लीक कर उसकी आंसर शीट तैयार की गई थी. हालांकि, पुलिस को अभी पेपर लीक मामले में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. अगर पेपर लीक के आरोप सच साबित होते हैं तो पूरी भर्ती परीक्षा नये विवादों में घिर जाएगी और वह रद भी की जा सकती है. हालांकि, अभी पुलिस को यह पता लगाना बाकी है कि गिरोह के लोग अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाने के नाम पर सिर्फ फर्जीवाड़ा कर ठगी भर ही करते थे या फिर इस रैकेट में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो सच में पैसे लेकर नियुक्ति करा रहे थे. पैसे लेकर नियुक्ति कराने के आरोप न सिर्फ बेहद गंभीर हैं, बल्कि सनसनीखेज भी हैं.



दरअसल, प्रतापगढ़ के रहने वाले राहुल सिंह नाम के एक अभ्यर्थी ने प्रयागराज पुलिस से शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने उनसे 69 हजार असिस्टेंट टीचर भर्ती में नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 8 लाख रूपये वसूल लिए हैं. रिजल्ट में जब नाम नहीं आया तो उसने पैसे वापस मांगे. पैसे वापस नहीं मिलने पर उसने पुलिस में शिकायत की. राहुल का आरोप था कि गिरोह के लोगों ने कई दूसरे अभ्यर्थियों से भी पैसे वसूले थे. पुलिस ने इस मामले में गंगापार के सोरांव थाने में एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश की तो पूरे रैकेट के बारे में जानकारी मिली. इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कई लोग फरार हैं. कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ भी की जा रही है.



पुलिस को अब तक मिली जानकारी के मुताबिक गिरोह के लोग पिछले काफी समय से अलग-अलग भर्तियों में लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे वसूली कर रहे थे. पकड़े गए 8 लोगों में से एक ग्राम प्रधान भी शामिल है. प्रयागराज रेंज के आईजी केपी सिंह के मुताबिक मामला बेहद गंभीर है, इसलिए अब इसमें एसटीएफ की भी मदद ली जाएगी और पूरे नेटवर्क का पता लगाकर मामले की तह तक जाया जाएगा. उनके मुताबिक एसटीएफ को इस तरह के मामलों में ज्यादा जानकारी है, इसलिए उसकी मदद से पूरे मामले का वर्कआउट करने में आसानी रहेगी.



यूपी सरकार की सफाई, शिक्षिका के 25 स्कूलों में काम करने, एक करोड़ रूपये वेतन लेने के आरोप की पुष्टि नहीं